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Guruvar Vrat: कितने गुरुवार रखना चाहिए व्रत? जानें पूजन विधि और लाभ

हिन्दू धर्म में सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। ठीक ऐसे ही गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा का विधान माना गया है।  
Editorial
Updated:- 2023-07-26, 16:36 IST

Guruwaar Vrat Niyam, Vidhi Aur Labh: हिन्दू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समार्पित है।

गुरुवार के दिन व्रत रखे का विधान भी है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं गुरुवार व्रत से जुड़ी सभी जानकारी। 

कब से शुरू करे गुरुवार का व्रत? 

  • किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के गुरुवार से व्रत का आरंभ कर सकते हैं। 
  • ध्यान रहे कि एक मात्र पौष माह में गुरुवार व्रत नहीं रखना चाहिए। 

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कितने गुरुवार रखना चाहिए व्रत? 

  • विशेष कार्य के लिए 16 गुरुवार तक व्रत का पालन करना चाहिए।
  • इसके बाद 17वें गुरुवार (गुरुवार के उपाय) को व्रत का उद्यापन करना चाहिए। 
  • वहीं, गुरुवार का व्रत 1,3,5,7 और 9 साल तक रख सकते हैं।
  • इसके अलावा, आजीवन भी गुरुवार व्रत का पालन किया जा सकता है। 

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क्या है गुरुवार व्रत का महत्व? 

  • गुरुवार का दिन गुरु यानी बृहस्पति ग्रह के आधीन है। 
  • कुंडली में गुरु कमजोर हो तो कई परेशानियां आती हैं। 
  • मात्र गुरुवार व्रत रख कर बृहस्पति को मजबूत कर सकते हैं।
  • साथ ही, भगवान विष्णु की कृपा भी पा सकते हैं। 

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क्या हैं गुरुवार व्रत की विधि? 

  • गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। 
  • इस दिन पीले रंग का बहुत महत्व है तो पीले वस्त्र धारण करें।  
  • भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। 
  • भगवान विष्णु को चंदन लगाएं एवं पीले फूल अर्पित करें।
  • भगवान विष्णु को गुड़ या चने की दाल का भोग लगाएं।
  • किसी पीले रंग की मिठाई का भोग भी लगा सकते हैं। 
  • विष्णु के मंत्रों का जाप करें। 'विष्णुसहस्त्रनाम' का पाठ करें।
  • विष्णु चालीसा पढ़ें और बृहस्पति देव का ध्यान करें। 
  • गुरु मंत्रों या बृहस्पति देव के मंत्रों का जाप करें।
  • भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की आरती उतारें। 
  • केले के पेड़ में श्री हरि और बृहस्पति का वास होता है। 
  • इस दिन केले के पेड़ की पूजा कर दान भी करें।  
  • शाम के समय फलाहार के साथ व्रत का पारण करें।  

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क्या है गुरुवार व्रत के लाभ? 

  • गुरुवार व्रत रखने से शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति होती है। 
  • नौकरी में लाभ मिलता है और व्यापार बेहतर होता है।
  • विवाह में हो रही देरी गुरुवार व्रत के कारण दूर होती है।
  • गुरुवार का व्रत रखने से शुभ काम में कोई बाधा नहीं आती है।  

 

 आप भी अगर गुरुवार का व्रत रखते हैं तो इससे जुड़े नियम, विधि और लाभ यहां सेजान सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: pinterest

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FAQ
बृहस्पतिवार के व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए?
गुरुवार के व्रत में एक समय भोजन करना चाहिए। साबुत मसाले, गुड़, सेंधा नमक जीरा, लाल मिर्च, अमचूर जैसी चीजों को इस्तेमाल कर सकते है।
गुरुवार को केला क्यों नहीं खाते हैं?
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है। वहीं, केले के पेड़ में बृहस्पति और भगवान विष्णु का वास माना गया है। इसलिए गुरुवार के दिन केला नहीं खाना चाहिए।
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