कैसे होता है लोन सेटलमेंट? इन डॉक्युमेंट्स की पड़ती है जरूरत...जानें प्रोसेस

क्या आप जानती हैं लोन सेटलमेंट कैसे और किस स्थिति में किया जाता है? अगर नहीं, तो आइए यहां जानते हैं कि बैंक कब लोन सेटलमेंट करता है और इसे करने के लिए किन-किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत पड़ती है।
what is loan settlement

आर्थिक संकट से लेकर कभी-कभी लग्जरी शौक को पूरा करने के लिए हम मोटा लोन ले लेते हैं। लेकिन, जिंदगी में मुश्किल समय बताकर कभी नहीं आता है। मुश्किल समय में महीने की EMI भी निकालना मुश्किल हो जाता है। EMI या लोन न चुकाने की स्थिति में प्राइवेट कर्जदाता किसी न किसी तरह से वसूली कर लेते हैं। वहीं बैंक प्रोफेशनल तरीके से लोन लेने वालों को सेटलमेंट का ऑप्शन देते हैं।

क्या होता है लोन सेटलमेंट?

लोन सेटलमेंट में बैंक और कर्ज लेने वाले के बीच एक समझौता होता है। इस समझौते में लोन लेने वाला व्यक्ति अपना बकाया लोन की पूरी या आंशिक राशि से कम या एक निश्चित अमाउंट पर सेटलमेंट करता है। यह प्रक्रिया तब होती है जब उधार लेने वाला अपने लोन की EMI या किश्त चुकाने में सक्षम नहीं होता है।

लोन लेने वाले की अक्षमता के साथ-साथ जब उधार देने वाली संस्था को ऐसा लगता है कि अब बकाया पैसा नहीं निकल सकता है, तब वह सेटलमेंट का ऑप्शन देती है। हालांकि, लोन सेटलमेंट करने के बाद भी व्यक्ति का लोन पूरी तरह से क्लोज नहीं होता है। बस कुछ स्थितियों में रिकवरी एजेंसी से छुटकारा मिल सकता है।

कैसे होता है लोन सेटलमेंट?

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लोन सेटलमेंट में उधार लेने वाले व्यक्ति को प्रिंसिपल अमाउंट चुकाना पड़ता है। प्रिंसिपल अमाउंट वह होता है, जो आपने बैंक या कर्जदाता से उधार लिया होता है। लोन सेटलमेंट में इंटरेस्ट, पेनल्टी और अन्य चार्ज को आधा या पूरा माफ किया जा सकता है।

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लोन सेटलमेंट के लिए इन डॉक्युमेंट्स की पड़ सकती है जरूरत

सेटलमेंट के लिए बैठते समय लोन एग्रीमेंट से लेकर इनकम प्रूफ जैसे डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ सकती है। आइए, यहां जानते हैं लोन सेटलमेंट के लिए किन-किन डॉक्युमेंट्स का होना जरूरी माना जाता है।

  • लोन एग्रीमेंट
  • आईडी प्रूफ
  • प्रूफ ऑफ इनकम
  • फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स
  • लोन पेमेंट हिस्ट्री
  • हार्डशिप लेटर
  • लीगल डॉक्युमेंट्स (अगर लागू है तो)
  • कॉन्टेक्ट की जानकारी

लोन सेटलमेंट करने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं?

documents need for loan settlement

  • उधार से मुक्ति: लोन सेटलमेंट का सबसे बड़ा फायदा उधार और उसके ब्याज से मुक्ति होती है। अगर आप लोन या EMI नहीं चुका पा रहे हैं, ऐसी स्थिति में लोन सेटलमेंट फायदेमंद साबित हो सकता है।

  • कम राशि चुकाना: लोन सेटलमेंट में बातचीत करके एक ऐसी राशि तय की जाती है, जो कर्ज से कम हो सकती है। ऐसे में यह पैसे बचाने के साथ-साथ कर्ज से बाहर में भी मदद कर सकती है।

  • जल्द समाधान: लोन सेटलमेंट करके आप कर्ज से जल्द मुक्त हो सकते हैं। वहीं लोन चुकाने में बहुत लंबा और ज्यादा समय लग सकता है।

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लोन सेटलमेंट के नुकसान क्या हैं?

  • क्रेडिट स्कोर पर असर: लोन सेटलमेंट का सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। जब उधार सेटल हो जाता है, तब क्रेडिट रिपोर्ट में सेटल्ड या पूरे अमाउंट से कम पर सेटल्ड लिख दिया जाता है। जिसकी वजह से क्रेडिट रिपोर्ट पर नेगेटिव मार्क करीब सात साल के लिए लग जाता है। क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर खराब होने की वजह से भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो जाता है।

  • रिश्ते बिगड़ सकते हैं: लोन सेटलमेंट का ऑप्शन चुनने से आपके उधार लेने वाले से रिश्ते बिगड़ सकते हैं। जिसकी वजह से वह भविष्य में आपके साथ काम न करने और उधार नहीं देने का फैसला कर सकता है।

लोन सेटलमेंट का ऑप्शन चुनने के बाद जब भविष्य में आप आर्थिक रूप से सक्षम हो जाएं, तो उधारकर्ता के पास जाकर अपना बकाया पैसा चुका सकते हैं। ऐसा करने से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर भी सुधर सकता है। इसी के साथ भविष्य में लोन की जरूरत भी पूरी हो सकती है।

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Image Credit: Freepik

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