लाख की चूड़ियां देखने में बहुत ही अच्छी लगती हैं और साथ ही साथ इनकी सुंदरता भी बहुत ही लुभावनी होती है। एक तरह से देखा जाए तो लाख की चूड़ियों का क्रेज विदेश तक है। वैसे तो इन्हें राजस्थान की संस्कृति का असल हिस्सा माना जाता है, लेकिन बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश और हैदराबाद में भी लाख की चूड़ियों को बनाया जाता है। लाख की चूड़ियां कैसे बनाई जाती हैं और इन्हें आखिर लाख ही क्यों कहा जाता है इसके बारे में क्या आपको पता है?
आज हम आपको लाख की चूड़ियों से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं। अगर आपको भी लाख की चूड़ियां पसंद हैं तो ये यकीनन बहुत ही ज्यादा इंटरेस्टिंग साबित होगा।
आपको शायद इस बारे में ना पता हो, लेकिन लाख की चूड़ियां कीड़ों की वजह से बनती हैं। जी हां, लोगों को लगता है कि लाख कोई पदार्थ है जो पेड़ से निकलता है, लेकिन ऐसा नहीं है। लाख असल में कीड़ों से निकलने वाला एक पदार्थ है। ये कीड़े बेर, पलाश, पीपल, गूलर, खेर जैसे पेड़ों की टहनियों में पाए जाते हैं और इनकी स्किन से ही लाख बनता है।
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ये कीड़े एक प्रक्रिया को फॉलो करते हैं। जब नर कीड़ा मादा से मिलन के बाद टहनी पर ही मर जाता है और मादा के जो बच्चे होते हैं वो भी किसी एक टहनी पर जाकर चिपक जाते हैं। ये पूरा जीवनकाल उसी टहनी पर निकाल देते हैं और पेड़ों का रस चूसकर ये अपने ऊपर एक कवच बना लेते हैं। ये कवच ही लाख होता है। ये कीड़े जब मरते हैं तो इन टहनियों को काटकर इन्हें झाड़ा जाता है और फिर लाख को पिघलाया जाता है ताकि सारी गंदगी को अलग किया जा सके।
ये काफी हद तक प्रोसेस होता है और उसके बाद कहीं जाकर लाल रंग का पदार्थ निकलता है जिसे लाख कहा जाता है और इससे ही चूड़ियां बनती हैं।
कीड़ों का ये प्रोसेस साल में दो बार होता है और फिर जब पेड़ों में नई टहनियां आ जाती हैं तो दोबारा कीड़े उन नई टहनियों पर जाकर बैठ जाते हैं।
इसे लाख इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि ये प्रोसेस लाखों की संख्या में होता है। कीड़े लाखों की संख्या में टहनियों पर बैठते हैं और इसलिए इसे लाख कहा जाता है। इसके नाम के पीछे लॉजिक नहीं बल्कि बस इनकी संख्या ही है।
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जब एक बार लाख पिघल जाता है तो इसका रंग सिर्फ लाल ही होता है और चूड़ी बनाने के लिए इसे थोड़ा सख्त भी करना होता है। इसलिए इसमें वैक्स, टाइटेनियम और अलग-अलग रंगों को मिलाया जाता है ताकि चूड़ियों का आकार दिया जा सके।
लाख को पीट-पीटकर शेप में लाया जाता है फिर कारीगर इसे रोल करते हैं और अलग-अलग साइज के गोलाकार रोलर की मदद से रोल किया जाता है। चूड़ियों को साइज देते समय उन्हें थोड़ा गर्म किया जाता है और इसके बाद इसमें मोटी, नग और पत्थर को चिपकाया जाता है।
इस प्रोसेस में कारीगर दिन भर लगे रहते हैं और उसके बाद ही ये चूड़ियां मार्केट में जाने के लिए तैयार होती हैं। आपको यूट्यूब में ऐसे कई वीडियोज मिल जाएंगे जिनमें लाख की चूड़ियों को बनाने की प्रक्रिया सामने आएगी। लाख की चूड़ी में जितने ज्यादा नग लगे होंगे और जैसा कॉम्प्लेक्स डिजाइन बनाया गया होगा उन्हें बनाने में उतना ही समय लगेगा और उसकी कीमत भी उसी तरह से बढ़ेगी।
तो क्या आपको पता था कि लाख की चूड़ियों को किस तरह से बनाया जाता है? ऐसी ही किस चीज के बारे में आप जानना चाहती हैं उसके बारे में हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए आप तक वो जानकारी पहुंचाने में मदद करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock/ Trinetra TV video youtube
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