Loan लेने में आखिर क्यों जरूरी है CIBIL Score और कैसे होता है कैलकुलेट? जानिए इससे जुड़ी 5 बड़ी बातें

लोन लेते वक्त हर बैंक में सिबिल स्कोर के बारे में पूछा जाता है। दरअसल, सिबिल स्कोर से आपकी रीपेमेंट हिस्ट्री का पता चलता है। यह स्कोर वैसे तो 300 से 900 के बीच रहता है, पर 750 या इससे ऊपर के सिबिल स्‍कोर को ज्यादा अच्‍छा माना जाता है।
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How To Calculate Cibil Score: बैंक में लोन लेने से पहले हर किसी की सिबिल स्कोर चेक की जाती है। उसी हिसाब से आपका लोन अप्रूव किया जाता है। आपको बता दें कि क्रेडिट स्‍कोर एक तरह से आपका रिपोर्ट कार्ड होता है, जिसके जरिए यह पता लगाया जाता है कि पहले के लोन में आपकी रीपेमेंट हिस्‍ट्री कैसी रही है।

सिबिल सकोर वैसे तो 300 से 900 के बीच रहता है, लेकिन 750 या उससे ऊपर के स्‍कोर को ही सबसे अच्छा माना जाता है। अगर आपका सिबिल स्कोर खराब हो तो आप इसे बेहतर तरीके से ट्रांजेक्शन कर के सुधार भी सकते हैं। इसके लिए आपको सिबिल स्कोर कैलकुलेट करने के तरीके के बारे में जरूर पता होने चाहिए। अगर नहीं पता है, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं।

सिबिल स्कोर में क्या-क्या होता है?

cibil score

आपने अपने पुराने लोन का पेमेंट टाइम से किया है या नहीं आदि तरह की जानकारी सिबिल स्कोर से ली जाती है। यही आपके क्रेडिट स्कोर के कैलकुलेशन में सबसे बड़ा रोल प्ले करता है। सिबिल कार्ड स्कोर से यह भी देखा जाता है कि इसमें आपने कितने पेमेंट टाइम से किए हैं और कितने देर से। साथ ही, ये भी देखते हैं कितनी बार पेमेंट या ईएमआई आपसे मिस हो गई है। जानकारी के लिए बता दें कि सिबिल स्कोर के कैलकुलेशन में इसकी हिस्सेदारी करीब 35 फीसदी होती है। इसके अलावा, सिबिल स्कोर से यह भी अंदाजा लगाया जाता है कि आपके नाम पर कितना लोन उपलब्ध है और आप उसका कितना हिसासा इस्तेमाल कर चुके हैं। ध्यान रखें कि अपने क्रेडिट कार्ड को इस्तेमाल करते वक्त उसकी पूरी लिमिट का इस्तेमाल न करें, बल्कि 30-40 फीसदी तक ही यूज करें।

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सिबिल स्कोर कैसे होता है कैलकुलेट?

how to calculate cibil score in hindi

सिबिल स्कोर का कैलकुलेशन करते वक्त यह ध्यान रखा जाता है कि आपके कितने लोन हैं और वह किस टाइप के हैं। साथ ही, इस दौरान यह भी चेक किया जाता है कि आपके कितने अनसेक्योर्ड लोन हैं और कितने सेक्योर्ड लोन। जानकारी के लिए बता दें कि आपका जितना ज्यादा सिक्योर्ड लोन होगा, उतना ही अच्छा सिबिल स्कोर भी होगा। कैलकुलेशन में इसकी हिस्सेदारी करीब 10 प्रतिशत की रहती है।

इस कैलकुलेशन में शेष 10 फीसदी आपकी लोन से जुड़ी तमाम एक्टिविटीज को चेक करता है। इसके लिए देखा जाता है कि आपने हाल में कितने लोन लिए हैं, ऐसा इसलिए होता है ताकि आपके लोन के बोझ का अंदाजा लगाया जा सके। साथ ही, सिबिर स्कोर कैलकुलेट करने के लिए इसमें यह भी चेक किया जाता है कि आपने कितनी बार लोन के लिए इन्क्वायरी की है। इन सभी चीजों की जानकारी इकट्ठा करने के बाद ही सिबिल स्कोर फाइनल होता है।

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Image credit- Freepik


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