What is 777 rule of parenting: आजकल के माता-पिता अपने बच्चों को फूलों की तरह रखते हैं। यह बहुत अच्छी बात है क्योंकि, बच्चों की परवरिश में हमेशा स्ट्रिक्ट रहना और डांटते रहना उनकी मानसिकता पर नेगेटिव असर डाल सकता है। लेकिन, जिस तरह एक मटके को शेप देने के लिए कुम्हार कभी हाथ से थपथपाता है तो कभी उसे सहलाता है उसी तरह बच्चों की परवरिश भी होती है। जी हां, बच्चों को हर छोटी-छोटी बातों पर पुचकारना, उनकी जिद मानते जाना और उन्हें हर मुश्किल से बचा लेना यह एक समय पर सही लगता है। मगर, यह सब चीजें लंबे समय में जाकर बच्चे की मानसिकता बन जाती हैं और उन्हें भावनात्मक रूप से कमजोर बना देती हैं।
बच्चों को प्यार और सेफ्टी देना बहुत जरूरी है, इस बात में कोई दो राय नहीं है। लेकिन, उतना ही जरूरी है कि बच्चों को लाइफ का रिएलिटी चेक भी दिया जाए। अगर आप बात-बात पर बच्चों को पुचकारती रहती हैं, शाबाशी देती रहती हैं और तारीफों के पुल बांधती रहती हैं तो ऐसे में बच्चे की मानसिकता इस तरह बन सकती है कि उसे कुछ बड़ा या खास करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि, उसे ऐसे ही सबकुछ मिल रहा है। यह बच्चे के लिए पूरी तरह से गलत हो सकता है।
आइए, यहां जानते हैं कि आप किस तरह से अपने बच्चों को भविष्य की सिचुएशन्स के लिए मजबूत बना सकती हैं और पैरेंटिंग में 777 रूल कैसे अपना सकती हैं।
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बच्चों को फ्यूचर के लिए तैयार करने में 777 रूल भी आपकी मदद कर सकता है। इस रूल के मुताबिक, माता पिता को रोजाना अपने बच्चे के साथ सुबह, शाम और रात जरूर से जरूर 7-7-7 मिनट बिताने चाहिए। इस रूल को अपनाने से बच्चे के साथ माता-पिता का बॉन्ड मजबूत होता है और साथ ही वह बच्चों के विकास में अपना रोल निभा सकते हैं।
777 रूल के मुताबिक, हर माता-पिता को सुबह उठने के बाद कम से कम 7 मिनट बिताएं। इस समय आज स्कूल में क्या होने वाला है और क्या उसने पूरी तैयारी कर ली जैसी चीजों पर बात करें।
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शाम के समय भी 7 मिनट निकालें और बच्चे के साथ बात करें कि पूरे दिन में क्या हुआ और उसकी सभी बातें सुनें। अगर कोई समस्या है तो उसका हल सुझाएं और बच्चे को उसपर काम करने के लिए मोटिवेट करें।
रात के समय भी 7 मिनट बच्चे के साथ बिताएं। इस समय उनके साथ प्यार भरी बातें करें। कहानियां सुनाएं और उनके मन की बात भी सुनें। यह बच्चों को एक्सप्रेसिव बनाता है और साथ ही भविष्य के लिए भी तैयार करता है।
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Image Credit: Freepik and Herzindagi
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