बैंकों में आपने देखा होगा हर दिन लोन लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी होती हैं। घर बनाने से लेकर बिजनस और पढ़ाई, शादी, गाड़ी खरीदने समेत कई अन्य कामों के लिए बैंक लोन देती है। इसके लिए सरकारी और गैर सरकारी दोनों तरह के बैंक भारत में मौजूद हैं। लेकिन क्या आपको ये पता है कि जब बैंकों को वित्तीय मदद या कर्ज की आवश्यकता होती है, तो वह कहां से बड़ी राशि का जुगाड़ करता है? अगर नहीं जानते हैं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि बैंक आम पब्लिक को कर्ज देने के लिए बड़ी राशि कहां से जुटाता है। बैंकों को कौन देता है कर्ज और यह उसकी पूर्ति कैसे करता है।
बैंक के पास कर्ज देने के लिए कहां से आते हैं पैसे?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या अन्य मौद्रिक संस्थानों से उधार लेते हैं। आइए समझते हैं कि बैंकों को कर्ज कौन देता है और यह प्रक्रिया कैसे काम करती है। बैंक से लोग या संस्थाएं लोन इसलिए लेते हैं, क्योंकि यह उन्हें उनके वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से मिलती है मदद
भारतीय बैंकों को सबसे बड़ा सहारा रिजर्व बैंक से मिलता है। बैंक के फंड्स की आपूर्ति करने के लिए RBI के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के तहत कर्ज मिल जाता है। बैंक, RBI से अल्पकालिक कर्ज लेते हैं और इसके बदले बॉन्ड या सिक्योरिटीज गिरवी रखते हैं।
अन्य बैंकों से मिलते हैं पैसे
बैंक एक-दूसरे को भी कर्ज देते हैं। यह प्रक्रिया इंटरबैंक मार्केट के तहत होती है। जब एक बैंक के पास अधिक नकदी होती है और दूसरे को जरूरत होती है, तो वे अल्पकालिक उधार देते हैं।
विदेशी संस्थान और बाजार के जरिए जुटाता है पैसा
बड़े बैंक अंतरराष्ट्रीय संस्थानों, जैसे विश्व बैंक या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी सहायता लेते हैं। इसके अलावा, बैंक फॉरेन बॉन्ड मार्केट में बांड जारी करके पैसा जुटा सकते हैं।
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जनता से जमा राशि का मिलता लाभ
बैंकों की आय का मुख्य स्रोत उनकी जमा राशि है। बचत खातों, फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य निवेश योजनाओं के माध्यम से बैंक फंड्स इकट्ठा करते हैं और इसे ही आम लोगों को जरूरत पड़ने पर लोन के रूप में देते हैं।
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शेयर बाजार और डिबेंचर
बैंक अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए शेयर बाजार में शेयर या डिबेंचर जारी करते हैं, जिससे उन्हें निवेशकों से पूंजी मिलती है। इस तरीके से बैंक को बड़ी राशि जुटाने के कई सोर्स हैं।
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