13 मार्च, गुरुवार को होलिका दहन किया जाएगा और अगले दिन, शुक्रवार को रंगों वाली होली खेली जाएगी। हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन होता है, जिसे छोटी होली भी कहा जाता है। होलिका दहन में तिथि, भद्रा और शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। लेकिन इस बार होलिका दहन के दिन सुबह 10 बजकर 35 मिनट से रात 11 बजकर 26 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन भद्रा काल में नहीं किया जाना चाहिए, जिससे इस बार लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जब पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा तो होलिका दहन का शुभ समय क्या होगा। इस बारे में आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।
फाल्गुन पूर्णिमा का प्रारंभ 13 मार्च, गुरुवार के दिन सुबह 10 बजकर 35 मिनट से होगा और इसका समापन 14 मार्च, शुक्रवार के दिन दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर होगा। इस वर्ष 13 मार्च को दिन और रात दोनों समय पूर्णिमा तिथि होने के कारण, होलिका दहन इसी दिन किया जाएगा।
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13 मार्च को भद्रा काल सुबह 10 बजकर 35 मिनट से 11 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इसके बाद, भद्रा की पूंछ शाम 6 बजकर 57 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक और भद्रा का मुख रात 8 बजकर 14 मिनट से रात 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इस दिन चंद्रमा सिंह राशि में संचार करेंगे, जिससे भद्रा का साया मृत्यु लोक पर रहेगा।
भद्रा | भद्रा का समय |
भद्रा काल | सुबह 10 बजकर 35 मिनट से 11 बजकर 26 मिनट |
भद्रा की पूंछ | शाम 6 बजकर 57 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट |
भद्रा का मुख | रात 8 बजकर 14 मिनट से रात 10 बजकर 22 मिनट |
शास्त्रों के अनुसार, जब भद्रा मृत्यु लोक में होती है, तब इसे सबसे ज्यादा हानिकारक माना जाता है। इस दिन होलिका दहन के समय भद्रा करीब 12 घंटे 51 मिनट तक रहेगी, जिससे यह समय विशेष रूप से अवश्यकता के अनुसार शुभ नहीं माना जाता।
13 मार्च को होलिका दहन वाले दिन दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक राहुकाल का समय रहेगा, इसलिए इस अवधि में होली पूजन से बचना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, राहुकाल में पूजा करना अशुभ माना जाता है। इसीलिए, होली पूजन का सबसे उपयुक्त समय सुबह 10 बजकर 35 मिनट से दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इस समय में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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13 मार्च को होलिका दहन के लिए केवल 1 घंटा 4 मिनट का समय मिलेगा। दरअसल, रात 11 बजकर 26 मिनट तक भद्रा का साया होने के कारण होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा। भद्रा के बाद ही होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शुरू होगा, जो रात 11 बजकर 27 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में ही होलिका दहन किया जा सकेगा।
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