हमारे देश में होली का विशिष्ट उत्सव दो दिनों तक चलता है, हालांकि इसकी तैयारी कम से कम एक सप्ताह पहले से ही शुरू हो जाती है। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए होता है।
इसमें एक अलाव प्रज्वलित किया जाता है और इसमें बुराइयों का नाश करने की प्रार्थना की जाती है वहीं होलिका दहन के अगले दिन रंग खेलकर खुशियां मनाने की प्रथा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार रंगों का त्यौहार होली हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और लोग मिलजुल कर रंग खेलते हैं।
रंगों के एक दिन पहले होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली के रूप में मनाया जाता है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें इस साल कब मनाई जाएगी होली और किस मुहूर्त में होलिका दहन करने से घर में आएगी सुख-समृद्धि।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2023 (Holika Dahan Shubh Muhurat 2023)
- साल 2023 में होलिका दहन 07 मार्च, मंगलवार को किया जाएगा।
- हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि आरंभ - 06 मार्च 2023, सोमवार, शाम 04 बजकर 17 मिनट
- फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि समापन- 07 मार्च 2023, मंगलवार, शाम 06 बजकर 09 मिनट पर
- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त -7 मार्च, मंगलवार, सायं 06:31 से रात्रि 08:58 तक
- होलिका दहन की अवधि - 02 घंटे 27 मिनट
रंग वाली होली की तिथि 2023 (Rang Wali Holi 2023 Date)
होलिका दहन के अगले दिन यानी कि 08 मार्च 2023, बुधवार को रंग खेलने वाली होली मनाई जाएगी। इस पर्व का जश्न लोग एक दूसरे को रंग लगाकर और गले मिलकर मनाते हैं।
होली की पौराणिक कथा (Holika Dahan 2023 Katha)
होली की पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक राजा था वो घमंड में चूर होकर खुद के ईश्वर समझने लगा। हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में ईश्वर के नाम लेने की मनाही लगा दी लेकिन उनका पुत्र प्रह्लाद भगवान का परम भक्त था।
हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को आग में भस्म न होने का वरदान मिला था। एक बार हिरण्यकश्यप ने होलिका को आदेश दिया कि प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए। लेकिन ईश्वर की कृपा से आग में बैठने पर होलिका जल गई और प्रहलाद बच गया। तब से ही ईश्वर भक्त प्रहलाद की याद में होलिका दहन किया जाने लगा।
होलिका दहन का महत्व (Holika Dahan 2023 Mahatva)
ऐसी मान्यता है कि होलिका दहन (होलिका दहन के दिन न करें ये काम) की लपटें हमारे शरीर और मन के लिए बहुत लाभकारी होती हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे कई शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं और बुराइयों का नाश होता है। होलिका दहन की अग्नि नकारात्मकता का नाश करती है वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से इसकी लपटों से वातावरण में मौजूद कई कीटाणुओं को नष्ट करती हैं।
इसके अलावा यह पर्व मुख्य रूप से वसंत ऋतु यानी की फसल के समय मनाया जाता है जो सर्दियों के अंत का प्रतीक होता है। इस पर्व से दो दिन तक हंसी -खुशी का माहौल होता है।
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होली में रंग खेलने का महत्व (Holi Mein Rang Ka Mahatva)
होली में रंग खेलना समाज को एक साथ लाने और एक दूसरे के बीच की दूरी को काम करने में मदद करता है। यह त्योहार हिंदुओं के अलावा अन्य धर्मों में भी मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन रंग खेलने से शत्रु भी करीब आ जाते हैं और मित्र बन जाते हैं।
इस दिन सभी अपनी पुरानी लड़ाइयों को भूलकर एक-दुसरे के पास आ जाते हैं और अमीर-गरीब के बीच का अंतर भी दूर हो जाता है। यह पर्व भाईचारे की भावना को बढ़ावा देता है।
वास्तव में होली का पर्व सभी लोगों को एक दूसरे के करीब लाता है और आपसी झगड़ों को दूर करने में मदद करता है।
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