हिन्दू धर्म के अनुसार होली के त्यौहार का विशेष महत्त्व है। होली के आठ दिन पहले से ही होलाष्टक का समय आरम्भ हो जाता है जिसमें शुभ कार्य करने की मनाही होती है और पूजा-पाठ करने पर जोर दिया जाता है। इन आठ दिनों के समापन के साथ ही होलिका दहन, होली के एक दिन पहले मनाई जाने वाली रस्मों में से एक है। लोगों की मान्यता है कि होलिका दहन के साथ बुराइयों का भी दहन होता है और बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। होलिका दहन की परंपरा फाल्गुन माह की पूर्णिमा तीथि यानी कि पूर्ण चन्द्रमा की रात को मनाई जाती है जिसका विशेष महत्त्व है।
इस वर्ष, होलिका दहन 17 मार्च को मनाया जाएगा। कई ऐसे काम हैं जो होलिका दहन वाले दिन करने से बचना चाहिए, अन्यथा जहां एक ओर धन धान्य की हानि हो सकती है, वहीं घर में रोग भी आते हैं। आइए जाने माने ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस दिन किन कामों से पूरी तरह बचना चाहिए।