महिलाओं की सुंदरता को एक्सप्लेन करने के लिए होंठों का जिक्र जरूर किया जाता है। ना जाने कितने ही गाने और गजल लिखी गई हैं होंठों के ऊपर। गुलाबी होंठों को सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन अगर बात करें सुर्ख लाल और खूबसूरत होंठों की तो लिपस्टिक की याद आती है। रोडसाइड पर मिलने वाली लोकल 50 रुपये की लिपस्टिक से लेकर 5000 रुपए की इम्पोर्टेड लिपस्टिक तक सभी का काम एक होता है। आपको होंठों की सुंदरता को बढ़ाना।
अगर आप मेकअप की शौकीन हैं तो यकीनन आपको लिपस्टिक का बहुत शौक होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचने की कोशिश की है कि आखिर दुनिया की सबसे पहली लिपस्टिक कहां से आई या फिर इसका इतिहास कितना पुराना है? चलिए आज आपको लिपस्टिक की रोचक कहानी के बारे में कुछ बताते हैं।
कामसूत्र में है लिपस्टिक का वर्णन
नहीं-नहीं ये लाइन पढ़कर नाक भौं ना सिकोड़िए यहां तो हम बस लिपस्टिक के वर्णन की बात करते हैं। महर्षि वात्स्यायन द्वारा रचा गया कामसूत्र एक पौराणिक काव्य है और इसमें होंठों को रंगने के लिए लाल लाख, मोम और फलों के रस के बारे में बताया गया है। उस दौर में भी होंठों को आकर्षक बनाने के लिए इस तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाता था।
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रत्नों से सुसज्जित होंठ थे सुंदरता की पहचान
कुछ अन्य लेख मानते हैं कि सुमेरियन समाज जब फल-फूल रहा था तब होंठों को सजाने के लिए महिलाएं रत्नों को पीसकर लगाती थीं ताकि उनके होंठ सुंदर लगें। कुछ जगहों पर फलों के रस और फूलों का भी जिक्र है, लेकिन होंठों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए हमेशा ही लाल रंग को महत्व दिया गया है।
क्लियोपेट्रा भी करती थी लिपस्टिक का इस्तेमाल
आपको हम पहले ही क्लियोपेट्रा के बारे में फैक्ट्स बता चुके हैं जिसमें ये बताया गया था कि क्लियोपेट्रा का एक पर्सनल स्टाइलिस्ट भी था जो उसकी आंखों के काजल को लगाता था। हालांकि, हम तो क्लियोपेट्रा के जमाने में थे नहीं तो ये कही और सुनी बातें ही हैं।
माना जाता है कि अपने होंठों को सजाने के लिए 5000 साल पहले क्लियोपेट्रा और उस दौर की इजिप्शियन (यूनानी) महिलाएं कीड़ों को मारकर उन्हें पीसकर एक पेस्ट बनाती थीं जिससे होंठों को रंगने का काम किया जाता था। इसी तरह से उस दौरान पारे का इस्तेमाल भी साज-सज्जा में किया जाता था।
कब हुआ हार्ड लिपस्टिक का आविष्कार
9वीं सदी में अरब वैज्ञानिक Abulcasis को सॉलिड लिपस्टिक का आविष्कारक माना जाता है। उन्होंने पहले परफ्यूम के साथ काफी आविष्कार किए और उसे प्रेस करके एक मोल्ड में डालने की कोशिश की। इसके बाद उसने इसी तरीके से रंगों को बनाया और तब सॉलिड लिपस्टिक का आविष्कार हुआ।
लिपस्टिक की चाह रखने वाली महिलाओं को समझा जाने लगा था चुड़ैल
नहीं-नहीं महिलाएं चुड़ैल नहीं होती हैं, ये तो उस दौरान की मान्यता थी। कुछ कट्टर धर्मों जैसे कैथोलिक और इस्लाम में लिपस्टिक या किसी अन्य मेकअप को गलत समझा जाने लगा था। एक समय ऐसा आया था जब लाल होंठों को शैतान से जोड़कर देखा जाता था और इसलिए लिपस्टिक लगाने वाली महिलाओं को चुड़ैल या डायन कहा जाने लगा था।
इसके अलावा एक वो दौर भी आया था जब लिपस्टिक को प्रॉस्टिट्यूट्स से जोड़कर देखा जाता था। जब तक क्वीन एलिजाबेथ ने खुद लिपस्टिक लगाना नहीं शुरू किया था तब तक इसे लेकर कुछ ऐसी ही धारणा थी।
महारानी एलिजाबेथ का मेकअप
ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ 1 अपने मेकअप के लिए सफेद चूना और मर्करी का इस्तेमाल करती थीं। माना जाता है कि उनके चेहरे पर बहुत से दाग थे जिसे कवर करने के लिए ये किया जाता था। उस समय फाउंडेशन तो होता नहीं था और इसलिए वो चूना इस्तेमाल करती थीं।
महारानी एलिजाबेथ अपने चेहरे को पूरी तरह से सफेद कर लेती थीं और उसपर लाल रंग की लिपस्टिक लगाई जाती थी। वैसे उस दौरान लिपस्टिक में भी पारा इस्तेमाल किया जाता था और इसलिए ये सुरक्षित नहीं होती थी, लेकिन सुंदरता की चाह में महिलाएं इसे इस्तेमाल जरूर करती थीं।
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कैसे हुआ मॉर्डन लिपस्टिक का आविष्कार
1884 में फ्रेंच परफ्यूम कंपनी गुलेरियन वो पहली कंपनी थी जिसने लिपस्टिक को कमर्शियली बेचना शुरू किया था। इसमें बी वैक्स, कैस्टर ऑयल और हिरण के फैट का इस्तेमाल कर लिपस्टिक बनाई गई थी और इसे सिल्क पेपर में रैप करके बेचा जाता था।
1915 में लिपस्टिक पहली बार सिलेंड्रिकल ट्यूब्स में आई जिसे मॉरिस लेवी ने इजात दिया था।
1920 के दशक तक लिपस्टिक ने महिलाओं की जिंदगी में एक परमानेंट स्थान बना लिया था। 1923 में जेम्स ब्रूस मेसन जूनियर ने लिपस्टिक का घूमने वाला सिलेंडर बनाया जिससे अभी मॉर्डन लिपस्टिक बनी है। ये वो दौर था जब महिलाएं इक्वालिटी मांग रही थी और फेमिनिज्म ने पहली अंगड़ाई ली थी। हेलेना रूबिंस्टीन ने क्यूपिड बो लिपस्टिक बनाई थी जो लिप्स के शेप का भी ध्यान रखती थी।
इसके बाद धीरे-धीरे लिपस्टिक का आविष्कार और भी ज्यादा बेहतर होता गया और मॉर्डन समय में कितनी कंपनियां किस तरह से कितनी लिपस्टिक बना रही हैं वो तो हमने देखा ही है। तो जी इस तरह से धीरे-धीरे कई हजार सालों में बनी है आपकी फेवरेट लिपस्टिक।
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