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Hindu Wedding Ritual: हिंदू शादियों में क्यों निभाई जाती है कंकन बांधने से लेकर खोलने तक की रस्म, क्या होता है इस एक धागे का महत्व

हिंदू शादी की कई रस्में हैं जो शादियों को ख़ास बनाती हैं। इन रस्मों में प्यार, खुशियां और सकारात्मक ऊर्जा छिपी होती है। ऐसी ही रस्मों में से एक है कदुलहे और दुल्हन के कंकन बांधने की रस्म। आइए जानें इसके बारे में विस्तार से।
Editorial
Updated:- 2025-02-13, 11:30 IST

हिंदू शादियां अपनी पारंपरिक रस्मों और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध होती हैं। इन शादियों में हर एक रस्म का अपना एक गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। शादी में होने वाली कई रस्मों में से कंकन बांधने और खोलने की रस्म भी है जो बहुत महत्वपूर्ण होती है। इस रस्म को विवाह समारोह का अभिन्न हिस्सा माना जाता है। इस रस्म में दूल्हा और दुल्हन की कलाई पर एक विशेष धागा बांधा जाता है, जिसे कंकन कहा जाता है। यह धागा केवल एक सामान्य धागा नहीं होता, बल्कि यह रिश्ते की शुद्धता, स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक होता है। कंकन शादी से पहले दूल्हे और दुल्हन की कलाई में बांधा जाता है। इसका कारण नकारात्मक शक्तियों को दूर करना होता है। कंकन बांधने का उद्देश्य दूल्हा और दुल्हन के बीच एक स्थायी और मजबूत बंधन बनाना होता है, जो उनके जीवनभर के रिश्ते को शक्ति प्रदान करता है। विवाह के बाद इस कंकन को खोलने की रस्म भी होती है, जो यह दर्शाती है कि अब दोनों जीवनसाथी एक-दूसरे के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभाने के लिए तैयार हैं। आइए आपको बताते हैं शादी के पहले कंकन बांधने और शादी के बाद इसे खोलने का महत्व और क्यों निभाई जाती है ये खास रस्म।

क्या होती है कंकन बांधने की रस्म

हिंदू विवाह में कंकन बांधने की रस्म आमतौर पर विवाह के पहले निभाई जाती है। इसे 'कंकन बंधन' कहा जाता है। इस रस्म में दूल्हा और दुल्हन के कलाई पर एक विशिष्ट प्रकार के रेशमी या सूती धागे, जिसे कंकन कहा जाता है, बांधे जाते हैं। यह कंकन आमतौर पर पीले रंग का होता है, जो शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

कंकन बांधने का उद्देश्य दूल्हा और दुल्हन के रिश्ते को मजबूती और दीर्घायु प्रदान करना है। कंकन बांधते समय यह माना जाता है कि यह एक धर्मिक और पवित्र बंधन है, जो दोनों जीवन साथियों के बीच भावनात्मक और आध्यात्मिक संबंध को और भी सशक्त बनाता है। यह रस्म इस बात का प्रतीक मानी जाती है कि दूल्हा और दुल्हन अब एक-दूसरे के साथ जीवनभर के लिए जुड़े हुए हैं और उनकी जोड़ी के बीच कोई भी बाधा नहीं होगी।

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कंकन के धागे का क्या है महत्व

significance of tying kankan

कंकन के धागे को कई दृष्टिकोणों से देखा जाता है और यह विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं में अलग-अलग महत्व रखता है। सबसे पहले, कंकन का रंग और बनावट बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। आमतौर पर, कंकन पीले रंग का होता है, जो जीवन में समृद्धि, उज्जवलता और शुभता का प्रतीक होता है। पीला रंग बुरा समय और नकारात्मकता को दूर करने के लिए भी जाना जाता है। इसके अलावा, यह रंग सूर्य के प्रभाव से जुड़ा होता है जो ऊर्जा, शक्ति और जीवन के लिए आवश्यक होता है। कंकन के धागे का एक और महत्वपूर्ण पहलू है इसका सूती या रेशमी होना।

रेशमी कंकन का मतलब होता है कि संबंध में शुद्धता और पवित्रता बनी रहेगी, जबकि सूती कंकन रिश्ते में सच्चाई और स्थिरता का प्रतीक होता है। इन धागों के बंधन से यह भी माना जाता है कि जीवनसाथी एक-दूसरे के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कंकन के धागे को बांधने की रस्म के दौरान पंडित एक मंत्र भी पढ़ते हैं जो इस बंधन की शक्ति को और भी बढ़ा देता है। यह मंत्र दूल्हा-दुल्हन के जीवन में शांति, सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करता है। साथ ही, यह उनके रिश्ते को सशक्त बनाने का आशीर्वाद भी देता है।

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क्या होती है कंकन खोलने की रस्म?

विवाह के बाद कुछ समय बाद कंकन को खोलने की रस्म भी निभाई जाती है। इस रस्म को 'कंकन खोलना' कहा जाता है। विवाह के बाद जब कंकन खोला जाता है, तो यह इस बात को दर्शाता है कि दूल्हा और दुल्हन अब एक-दूसरे के साथ जीवनभर के लिए जुड़ चुके हैं। यह बंधन अब एक स्थिर और मजबूत रिश्ते में बदल चुका है। इस रस्म का उद्देश्य इस बात का प्रतीक है कि जीवनसाथी अब एक-दूसरे से अपनी जिम्मेदारियों को निभाने और रिश्ते को सम्मान देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कंकन को खोलते समय यह भी माना जाता है कि अब दोनों का संबंध पूरी तरह से संतुलित हो गया है और कोई भी बाहरी बाधा उन्हें अलग नहीं कर सकती है। यह एक आध्यात्मिक संकेत होता है, जो यह बताता है कि अब दोनों मिलकर अपने जीवन को आगे बढ़ाएंगे, चाहे अच्छा समय हो या बुरा।

कंकन की रस्म और इसका धार्मिक महत्व

kankan bandhan rules

हिंदू विवाह में कंकन बांधने और खोलने की रस्म का धार्मिक महत्व भी बहुत गहरा है। यह रस्म हर व्यक्ति के जीवन में कर्म, धर्म और भक्ति को जोड़ने का काम करती है। यह दोनों जीवन साथियों के बीच एक मजबूत मानसिक और आध्यात्मिक संबंध की स्थापना करती है, जो उन्हें जीवन भर एक-दूसरे के साथ जोड़े रखता है। कंकन के धागे को बांधना यह भी दर्शाता है कि दूल्हा और दुल्हन दोनों एक-दूसरे के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कर्मों की शुद्धता और एक-दूसरे के प्रति सच्चे प्रेम का प्रतीक है। हर धागा एक तरह से रिश्ते की मजबूती और शुद्धता को दर्शाता है और यह यह भी बताता है कि एक-दूसरे के साथ जीवन भर का संकल्प लिया गया है।

शादी की सभी रस्मों की ही तरह कंकन बांधने और खोलने की रस्म का भी बहुत महत्व होता है। अगर आपका इससे जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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