12 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर हिंदू धर्म के महा पर्व 'कुंभ मेले' का आयोजन 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन से शुरू हो रहा है। इस वर्ष हरिद्वार में महा कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इस उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है और लोगों ने पुण्य कमाने के लिए कुंभ में जाने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
उज्जैन के पंडित एंव ज्योतिषाचार्य विनोद सोनी पोद्दार कहते हैं, 'इस बार कुंभ 12 नहीं बल्कि 11 वर्ष बाद ही पड़ गया है। इसका कारण है कि ज्योतिष गणना के आधार पर वर्ष 2022 में बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में अनुपस्थित रहेगा इसलिए कुंभ को एक वर्ष पहले ही मनाया जा रहा है।' आपको बता दें कि कुंभ को सनातनी परंपरा का सबसे बड़ा अनुष्ठान कहा गया है। यह केवल धरती पर ही नहीं बल्कि स्वर्ग में देवताओं द्वारा भी मनाया जाता है। धरती पर हर चार वर्ष के अंतराल में हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में अर्द्ध कुंभ का आयोजन होता है। वहीं हर 12 वर्ष में इनमें से किसी एक स्थान पर महा कुंभ का आयोजन होता है।
पंडित जी बताते हैं, 'कुंभ के महा उत्सव पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। कुंभ के पवित्र दिनों में कुछ विशेष दिनों में नदियों में स्नान कर आप पुण्य अर्जित कर सकते हैं। ' इतना ही नहीं, पंडित जी ने इस वर्ष पड़ रहे कुंभ में स्नान करने की महत्वपूर्ण तिथियां भी बताई हैं-
कुंभ 2021 के 6 प्रमुख स्नान
- 14 जनवरी 2021 को पहला स्नान गुरुवार के दिन पड़ेगा, इस दिन मकर संक्रांति का त्यौहार है।
- 11 फरवरी 2021 को दूसरा स्नान भी गुरुवार के दिन पड़ेगा, इस दिन मौनी अमावस्या है।
- 16 फरवरी 2021 को तीसरा स्नान मंगलवार के दिन पड़ेगा, इस दिन बसंत पंचमी का त्यौहार है।
- 27 फरवरी 2021 को चौथा स्नान शनिवार के दिन पड़ेगा, इस दिन माघ पूर्णिमा है।
- 13 अप्रैल 2021 को पांचवा स्नान मंगलवार के दिन पड़ेगा , इस दिन चैत्र माह की नवरात्र शुरू होंगी।
- 21 अप्रैल 2021 को छाठा स्नान बुधवार के दिन पड़ेगा, इस दिन राम नवमी का त्यौहार है।
कुंभ 2021 शाही स्नान की तिथियां
1. इस बार पहला शाही स्नान 11 मार्च, शिवरात्रि के दिन पड़ेगा।
2. दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल, सोमवती अमावस्या के दिन पड़ेगा।
3. तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल, मेष संक्रांति पर पड़ेगा।
4. चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल को बैसाख पूर्णिमा के दिन पड़ेगा।
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क्यों मनाया जाता है कुंभ
हिंदू ग्रंथों में समुद्र मंथन की कथा बहुत प्रचलित है। कथा के अनुसार देवताओं और असुरों के बीच हुई समुद्र मंथन की प्रक्रिया में 14 चीजें समुद्र से निकली थीं। इन चीजों को देवताओं और असुरों ने आपस में बांट लिया था। मगर समुद्र मंथ के आखिर में अमृत का कलश निकला, जिसे लेकर देवताओं और असुरों में लड़ाई हो गई इस लड़ाई में अमृत की कुछ बूंदें छलक कर पृथ्वी पर गिरी। जिन जगहों पर अमृत गिरा उन्हीं स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधि से कुम्भ स्नान करता है, उसे मोक्ष प्राप्त होता है।
कुंभ 2021 में इन बातों का रखें ध्यान
1. वर्ष 2020 से चले आ रहे कोविड-19 संक्रमण का कहर अभी भी समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए कुंभ 2021 में कोविड-19 संक्रमण से बचाव को लेकर जो भी सरकारी नियम-कायदे बताए गए हों उनका पालन करें।
2. अपने होटल पहले से बुक करा कर रखें और होटल के कमरे की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। उसी होटल में रुकें जहां पर कमरों को अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा हो।
3. मुंह में मास्क लगाएं और दिन में कम से कम 3 बार मास्क को जरूर बदलें क्योंकि भीड़ वाले स्थान पर संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है।
4. साफ कपड़े पहनें और जिन कपड़ों को पहन कर आप बाहर गए हों उन्हें दोबारा न पहने।
5. नदी में स्नान करने के तुरंत बाद साफ गरम पानी से नहा लें।
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