भारत की पहचान दुनियाभर में एक ऐसे देश की है, जो अपनी परंपराओं और संस्कृति का उल्लास मनाता है। भारत में सालभर उत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है, लेकिन साल की शुरुआत में पड़ने वाले अर्धकुंभ की बात ही कुछ और है। अर्धकुंभ और कुंभ में देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर से लोग इकट्ठे होते हैं।
कुंभ और अर्धकुंभ विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन हैं। अर्ध कुंभ 2019 का आयोजन प्रयागराज में किया जा रहा है। यह आयोजन जनवरी 15 से मार्च 04 तक चलेगा। प्रयागराज में 'कुम्भ' की गूंज कानों में पड़ते ही गंगा, यमुना और सरस्वती का पावन संगम मानसिक पटल पर उभरने लगता है। पवित्र संगम स्थल पर इस दौरान विशाल जनसैलाब देखने को मिलता है और दिल भक्ति-भाव से ओत-प्रोत हो जाता है। श्री अखाड़ों के शाही स्नान से लेकर सन्त पंडालों में धार्मिक मंत्रोच्चार, ऋषियों के ज्ञान और तत्वमिमांसा से जुड़े प्रवचन, मधुर संगीत, नादों का समवेत अनहद नाद, संगम में डुबकी ये सबकुछ अर्धकुंभ की ऐसी विशेषताएं हैं, जिनका असली आनंद साक्षात उपस्थित होने से ही उठाया जा सकता है।
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इस साल 15 जनवरी, 2019 से प्रयागराज में अर्धकुंभ की शुरुआत हो रही है और यह 4 मार्च, 2019 को संपन्न होगा। कुंभ मेला देखना और इस दौरान गंगा में डुबकी लगाना अपने आप में अद्भुत अनुभव है। आइए जानें इस बार मेले से जुड़ी कुछ अहम बातें-
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