बात किस से शुरू करें?
इससे कि जीएसटी काउंसिल में 29 चीजों और 53 सेवाओं पर जीएसटी की दर घटा दी गईं है जिसमें हीरा भी शामिल है लेकिन सैनिटरी नैपकिन पर से जीएसटी दर कम नहीं की गई।
या फिर बात मध्यप्रदेश की महिलाओं से शुरू की जाए जहां की महिलाएं सैनिटरी नैपकिन पर मेसेज लिखकर प्रधानमंत्री को भेज रही हैं। इसी तरह स्टूडेंट्स ने भी कुछ अभियान चलाया हुआ है।
तो आगे क्या?
आगे कुछ नहीं होगा। ना ही सैनिटरी नैपकिन पर से टैक्स कम होंगे ना महिलाओं को आराम मिलेगा। शायद इसलिए क्योंकि अभी हम महिलाएं इतने बड़े वोट बैंक नहीं है जिससे सरकार को हमसे कोई फर्क पड़े।
इसलिए हम केवल खबरें पढ़ने का काम करते हैं और जानते हैं कि सैनिटरी पैड पर कितना जीएसटी लगा है?
29 चीजों और 53 सेवाओं पर जीएसटी दर हुई कम
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की बैठक बीते गुरुवार, 18th जनवरी 2018 को हुई। ये इस परिषद की 25वीं बैठक थी। इस बैठक में 29 वस्तुओं और 53 तरह की सेवाओं की जीएसटी दरें घटाने का फैसला किया गया। परिषद ने हीरे और अनमोल पत्थर तक की दरें घटा दी हैं। नोट करने वाली बात ये है कि इन 29 वस्तुओं और 53 तरह की सेवाओं में सैनिटरी नैपकिन को शामिल नहीं किया गया है। मतलब की सैनिटरी नैपकिन पर अब भी आपको 12% टैक्स देना होगा। यहां पढ़ें जीएसटी की घटी दरों की पूरी लिस्ट-
इन पर 28% से कम जीएसटी लगेगा
- बायो डीजल से चलने वाली पुरानी बसें
- पुराने लग्जरी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को छोड़कर सभी पुराने वाहन पर जीएसटी 28 से घटकर 12 प्रतिशत हो गई।
18 से 12% टैक्स जिन पर लगेगा
- चीनी वाली कंफेक्शनरी
- 20 लीटर के जार में बंद पेयजल
- उर्वरक योग्य फॉस्फेरिक एसिड
- बॉयो डीजल
- 12 तरह के बॉयो कीटनाशक
- बांस के घर बनाने के लिए उपयोगी कनेक्टर
- ड्रिप सिंचाई उपकरण और मैकेनिकल स्प्रेयर
18 से 5% लगेगा टैक्स
- इमली बीज पाउडर
- कोन में पैक मेंहदी
- निजी रसोई गैस आपूर्तिकताओं द्वारा रसोई गैस की आपूर्ति
12 से घटकर 5% जीएसटी
- वेल्वेट फैब्रिक पर भी जीएसटी 12 प्रतिशत से कम कर के पांच प्रतिशत हो जाएगा लेकिन हमारे सैनिटरी नैपकिन के साथ ऐसा नहीं होगा।

हीरे की चमक बढ़ी
- हीरे और कीमती पत्थरों पर पहले तीन फीसदी कर लगता था जिसे कम करके 0.25 प्रतिशत कर दिया गया है।
इन पर शून्य जीएसटी
- हियरिंग मशीन के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजें टैक्सफ्री
- तेल निकाला हुआ चावल छिलका
- हैंडलूम प्रोडक्ट में शामिल 40 वस्तुओं पर कोई कर नहीं
इन पर टैक्स बढ़ाया
- बिना तेल निकाले गए चावल के छिलके पर शून्य से बढ़ाकर 5% जीएसटी लगाया गया
- सिगरेट फिल्टर में 12 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत लगा टैक्स
इन सेवाओं में दी गई राहत
- आरटीआई एक्ट के तहत सूचनाओं पर।
- भारत से बाहर प्लेन के जरिए सामान भेजने पर जीएसटी छूट दी गई है।
- इसी तरह समुद्री जहाज से सामान भेजने पर भी छूट दी गई है। यह छूट 30 सितंबर, 2018 तक रहेगी।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी वन और एमआईजी भवन के लिए घोषित क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम के तहत घर के निर्माण पर जीएसटी दरें कम होंगी। ऐसे ही कई अन्य सेवाओं पर छूट दी गई है।
- स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्कूल के स्टाफ के ट्रांसपोर्ट सर्विस आवागमन सेवाओं पर भी जीएसटी से छूट दी गई है, यह छूट हायर सेकेंडरी तक ही लागू होगी।
Addressed a press conference after the 25th meeting of the #GST Council, January 18, 2018 https://t.co/jHhRJXgRGj
— Arun Jaitley (@arunjaitley) January 18, 2018
इनमें से कोई भी चीज आपके काम की है तो आपको बधाई। नहीं तो अगर आप भी सैनिटरी नैपकिन पर जीएसटी कम ना करने के कारण दुखी हैं तो इन महिलाओं की तरह सेनेटरी नैपकिन पर मेसेज लिखकर प्रधानमंत्री को भेजें।
मध्यप्रदेश की महिलाओं ने शुरू किया ये अनोखा अभियान
#MadhyaPradesh: A group of social workers in Gwalior start a campaign encouraging women to write down their views on menstrual hygiene on sanitary napkins to mark their protest against it being placed under 12% GST. pic.twitter.com/1SKIFiuErP
— ANI (@ANI) January 9, 2018
सैनिटरी नैपकिन को 12 फीसदी जीएसटी की दर से बाहर करने के लिए मध्यप्रदेश की महिलाओं ने ये अनोखा अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत महिलाएं सैनिटरी नैपकिन में पीरियड से जुड़ी बातों को लिखेंगी और 12 फीसदी जीएसटी कम करने की अपील करेंगी। इन सभी सैनिटरी नैपकिन को 3 मार्च के दिन सरकार के पास पहुंचाया जाएगा। बता दें कि ये समय यूनियन बजट पास होने का होगा।
अब देखना ये है कि इन अभियान का क्या असर होता है?
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