कौन थे रावण के दादा जी जिन्होंने गोवर्धन पर्वत को दिया था भयंकर श्राप

आज हम आपको रावण के दादाजी के बारे में बहुत ही दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं। 

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Interesting Facts About Ravana Granddfather In Hindi: रामायण में रावण का उल्लेख मिलता है। रावण के साथ-साथ उसकी पत्नी, बेटे, बहन और भाई के बारे में बहुत कुछ बताया गया है। इसी कड़ी में आज हम आपको हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वस्त द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर रावण के दादाजी से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य बताने जा रहे हैं।

  • रावण के पिता का नाम ऋषि विश्रवा था और रावण (कौन थी रावण की बेटी) के दादाजी का नाम पुलस्त्य ऋषि था। पुलत्स्य ऋषि ब्रह्मा के मानस पुत्र भी थे। पुलत्स्य ऋषि से जुड़ी कई कथाएं हैं।
ravan grandfather
  • एक कथा के अनुसार, जब मेरु पर्वत पर पुलत्स्य ऋषि तपस्या कर रहे थे तब अप्सराओं से भूलवश उनकी तपस्या में बाधा आ गई। जिसके कारण उन्होंने श्राप दिया कि जो भी कोई स्त्री उनके सामने आएगी वह गर्भवती हो जाएगी।
  • इसी श्राप के कारण पुलत्स्य ऋषि वैशाली के राजा की पुत्री इडविला से विवाह करना पड़ा था। कुबेर व दशानन के पिता ऋषि विश्रवा इन्हीं की संतान थे। माना जाता है कि जब रावण को कार्तवीर्य सहस्त्रार्जुन ने बंदी बना लिया था।
  • तब पुलत्स्य ऋषि ने ही अपने पोते रावण को बंदी ग्रह से बचाया था। ऋषि पुलस्त्य योग विद्या के भी महान ज्ञाता थे। पुलत्स्य ऋषि ने ही वामन पुराण की कथा देवर्षि नारद को सुनाई थी।
ravana grandfather
  • यहां तक कि महाभारत काल में कौरव वंश भी इन्हीं के वंशज माने जाते हैं। महाभारत (घर में महाभारत क्यों नहीं रखनी चाहिए) के अनुसार, भीष्म को ज्ञान भी इन्होंने ही दिया था। इसके अलावा एक कथा द्वापर युग की भी है।
  • द्वापर युग में कृष्ण काल के दौरान ऋषि पुलस्त्य ने गोवर्धन को श्राप दिया था जिसका दुष्परिणाम आज भी गोवर्धन पर्वत भुगत रहे हैं। कथा के मुताबिक, गोवर्धन की सुंदरता देख ऋषि पुलत्स्य उन्हें काशी ले जाना चाहते थे।
  • लेकिन कृष्ण धाम को छोड़ गोवर्धन कहीं जाने के इच्छुक नहीं थे। तब ऋषि पुलत्स्य ने गोवर्धन को श्राप दिया कि वह रोजाना तिल तिल कर घटते चले जाएंगे। आज भी गोवर्धन इस श्राप से जूझ रहे हैं और यही कारण है कि वह धीरे-धीरे जमीन में समाते जा रहे हैं।
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  • माना जाता है कि ऋषि पुलस्त्य जितने महान तपस्वी थे उतने ही रावण के प्रशंसक भी। इसी कारण से उन्होंने रावण के दुष्कृत्यों पर कभी भी रोक नहीं लगानी चाही। इसी कारण से रावण का साहस बुरे कामों को करने में और बढ़ता चला गया।

तो ये थी रावण के दादाजी से जुड़ी दिलचस्प बातें। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Shutterstock, Pinterest

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