हिंदू धर्म में हर त्योहार का विशेष महत्व है। वहीं दिवाली का त्योहार पंच दिवसीय होता है। इस त्योहार का आरंभ धनतेरस के दिन से होता है। उसके बाद नरक चतुर्दशी, बड़ी दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज मनाई जाती है। बता दें, दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
पंचांग के हिसाब से कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। इस दिन घर के बाहर गोबर गोवर्धन पर्वत मनाई जाती है। गोवर्धन पूजा में गायों की पूजा का भी विधान है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन के लोगों को वर्षा देवता इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए उनकी रक्षा की थी।
अब ऐसे में इस साल गोवर्धन पूजा 01 नवंबर को मनाया जाएगा। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से गोवर्धन व्रत कथा के बारे में विस्तार से जानते हैं।
गोवर्धन पूजा के दिन पढ़ें ये व्रत कथा
प्राचीन समय में दिवाली के दिन दूसरे दिन ब्रज में इंद्रदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान था। तभी भगवानश्रीकृष्ण ने कहा कि कार्तिक माह में इंद्रदेव की पूजा का कोई लाभ नहीं है। इसलिए हमें गऊ के वंश की उन्नति के लिए और उनकी रक्षा के लिए प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। इस दिन हमें पौधे लगाकर वन महोत्सव भी मनाना चाहिए। इसके अलावा हमें गोबर की भी पूजा करनी चाहिए। इस दिन गोबर से बनी चीजों को नहीं जलानी चाहिए।
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भगवान श्रीकृष्ण के इस उपदेश को देने के बाद ब्रज वासियों ने जैसे ही गोबर, वन और गौ माता की पूजा करनी आरंभ की। तभी इंद्रदेव बेहद क्रोधित हुए और उन्होंने भारी बारिश करवा दी। तब ब्रज में बाढ की समस्या आ गई। तभी भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर ब्रज को बचा लिया और इससे इंद्रदेव लज्जित हुए और उसके बाद उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और ब्रजवासियों से क्षमा मांगी और बारिश बंद की।
मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि इंद्र लगातार सात दिनों तक वर्षा करते रहे और तब ब्रह्मा जी ने इंद्रदेव से कहा कि भगवान श्रीकृष्ण श्रीहरि विष्णु के अवतार हैं और उन्होंने श्रीकृष्ण की पूजा की सलाह दी। ब्रह्मा जी की बात सुनकर इंद्र ने श्रीकृष्ण से मांफी मांगी और उनकी पूजा-अर्चना करके अन्नकूट का 56 तरह का भोग लगाया। तभी से गोवर्धन पूजा की जाने लगी और भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग चढ़ाया जाने लगा।
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ऐसी मान्यता है कि अगर आपके जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है, तो गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने सा लाभ हो सकता है और शुभ परिणाम मिलने लग जाते हैं।
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Image Credit- HerZindagi
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