Govardhan Puja Vrat Katha 2024: गोवर्धन पूजा के दिन पढ़ें ये व्रत कथा, मिलेगा अमोघ फल

Govardhan Puja Vrat Katha 2024: हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन विशेष रूप से भगवान गिरिराज जी की पूजा-अर्चना की जाती है। अब ऐसे में इस दिन व्रत कथा पढ़ने का विशष महत्व है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
govardhan puja vrat katha for prosperity krishan ji or indra dev ki katha

हिंदू धर्म में हर त्योहार का विशेष महत्व है। वहीं दिवाली का त्योहार पंच दिवसीय होता है। इस त्योहार का आरंभ धनतेरस के दिन से होता है। उसके बाद नरक चतुर्दशी, बड़ी दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज मनाई जाती है। बता दें, दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

पंचांग के हिसाब से कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। इस दिन घर के बाहर गोबर गोवर्धन पर्वत मनाई जाती है। गोवर्धन पूजा में गायों की पूजा का भी विधान है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन के लोगों को वर्षा देवता इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए उनकी रक्षा की थी।

अब ऐसे में इस साल गोवर्धन पूजा 01 नवंबर को मनाया जाएगा। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से गोवर्धन व्रत कथा के बारे में विस्तार से जानते हैं।

गोवर्धन पूजा के दिन पढ़ें ये व्रत कथा

govardhan-puja-or-annakut-puja

प्राचीन समय में दिवाली के दिन दूसरे दिन ब्रज में इंद्रदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान था। तभी भगवानश्रीकृष्ण ने कहा कि कार्तिक माह में इंद्रदेव की पूजा का कोई लाभ नहीं है। इसलिए हमें गऊ के वंश की उन्नति के लिए और उनकी रक्षा के लिए प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। इस दिन हमें पौधे लगाकर वन महोत्सव भी मनाना चाहिए। इसके अलावा हमें गोबर की भी पूजा करनी चाहिए। इस दिन गोबर से बनी चीजों को नहीं जलानी चाहिए।

इसे जरूर पढ़ें - Govardhan Puja Kab Hai 2024: 1 या 2 नवंबर, कब है गोवर्धन पूजा, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

भगवान श्रीकृष्ण के इस उपदेश को देने के बाद ब्रज वासियों ने जैसे ही गोबर, वन और गौ माता की पूजा करनी आरंभ की। तभी इंद्रदेव बेहद क्रोधित हुए और उन्होंने भारी बारिश करवा दी। तब ब्रज में बाढ की समस्या आ गई। तभी भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर ब्रज को बचा लिया और इससे इंद्रदेव लज्जित हुए और उसके बाद उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और ब्रजवासियों से क्षमा मांगी और बारिश बंद की।

मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि इंद्र लगातार सात दिनों तक वर्षा करते रहे और तब ब्रह्मा जी ने इंद्रदेव से कहा कि भगवान श्रीकृष्ण श्रीहरि विष्णु के अवतार हैं और उन्होंने श्रीकृष्ण की पूजा की सलाह दी। ब्रह्मा जी की बात सुनकर इंद्र ने श्रीकृष्ण से मांफी मांगी और उनकी पूजा-अर्चना करके अन्नकूट का 56 तरह का भोग लगाया। तभी से गोवर्धन पूजा की जाने लगी और भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग चढ़ाया जाने लगा।

Govardhan-puja-on-next-day-of-diwali

इसे जरूर पढ़ें - Govardhan Puja Upay 2024: गोवर्धन पूजा के दिन गाय के गोबर से करें ये 5 उपाय, बनी रहेगी सुख-समृद्धि

ऐसी मान्यता है कि अगर आपके जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है, तो गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने सा लाभ हो सकता है और शुभ परिणाम मिलने लग जाते हैं।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- HerZindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP