सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा को बेहद शुभ माना गया है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी अदभुत शक्ति से गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों को भारी बारिश से बचाया था। इतना ही नहीं, गोवर्धन पर्वत को प्रकृति का प्रतीक माना जाता है। पंच दिवसीय दिपोत्सव के त्योहार के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण के गोवर्धन स्वरूप की पूजा-अर्चना करने का विधान है। बता दें, गोवर्धन पूजा का त्योहार कार्तिक माह केशुक्ल पक्ष के प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव को पराजित किया था। इसके अलावा इस दिन को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। अब ऐसे में इस साल गोवर्धन पूजा कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और गोवर्धन पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
गोवर्धन पूजा कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल गोवर्धन पूजा का आरंभ 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 02 नवंबर को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के आधार पर गोवर्धन पूजा 02 नवंबर को मनाया जाएगा।
इसे जरूर पढ़ें - इस कथा के बिना अधूरी है गोवर्धन की पूजा
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?
गोवर्धन पूजा के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त में करने की मान्यता है। इसलिए गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 34 मिनट से लेकर 08 बजकर 46 तक रहेगा। इस दौरान पूजा की कुल अवधि 02 घंटे और 12 मिनट रहेगी। गोवर्धन पूजा का दूसरा शुभ मुहूर्त शाम 03 बजकर 23 मिनट से लेकर 05 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। जिसमें पूजा के लिए कुल अवधि 02 घंटे और 12 मिनट रहेगा।
इसे जरूर पढ़ें - क्या आप जानते हैं गोवर्धन पूजा का इतिहास
गोवर्धन पूजा का महत्व क्या है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार इंद्रदेव ब्रिजवासियों से बेहद क्रोधित हो गए थे और तभी उन्होंने तेज बारिश कर दी थी। इंद्र देवता के प्रकोप से सभी ब्रजवासियों की रक्षा करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली से उठा लिया था। तभी से हर साल गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग विधिवत रूप से लगाई जाती है। साथ ही भक्त इस दिन अपने आराध्य की सेवा पूरे विधि-विधान के साथ करते हैं। इतना ही नहीं, गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट किया जाता है जिसमें भगवान कृष्ण को विभिन्न प्रकार के व्यंजन चढ़ाए जाते हैं। इस दिन गौ माता की पूजा भी विधिवत रूप से करने का विधान है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- HerZindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों