Goverdhan Puja Vidhi 2023: हिन्दू धर्म के अनुसार, हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाने का विधान है। इस साल गोवर्धन पूजा 14 नवंबर, दिन मंगलवार को पड़ रही है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान गोवर्धन को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाने का विधान है।
ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति गोवर्धन पूजा पूर्ण समपर्ण से करता है उसे भगवान गोवर्धन के साथ साथ श्री कृष्ण का भी अखंड आशीर्वाद प्राप्तहोता है। यही नहीं, उस व्यक्ति के घर हमेशा सुख समृद्धि का वास भी बना रहेगा। ऐसे में आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा की संपूर्ण विधि के बारे में।
गोवर्धन पूजा की संपूर्ण विधि (Govardhan Puja Vidhi)
- सबसे पहले गोवर्धन पूजा के दिन प्रातः कल जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- इसके बाद आप जिन भी देवता या देवी को मानते हैं उनकी पूजा अर्चना करें।
- इसके बाद घर में गाय का गोबर (गाय का गोबर होता है कमाल) लेकर आएं। ध्यान रहे कि गोबर पूर्ण रूप से शुद्ध हो।
- अर्थात गोबर में कंकड़ पत्थर नहीं होने चाहिए और न ही उसमें गंदी मिट्टी मिली हो।

- गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन की आकृति बनाएं।
- ध्यान रहे कि गोवर्धन भगवान की आकृति शयन मुद्रा में हो।
- भगवान गोवर्धन की नाभि की जगह मिट्टी का दीपक रखें।
- नाभि वाले दीपक को दूध, दही, शहद, बताशे और गंगाजल से भर दें।
- भगवान की आकृति को फूलों से सजाएं और निरंतर गोवर्धन भगवान का स्मरण करें।
- इसके बाद पूजा आरंभ करते हुए भगवान गोवर्धनको नैवेद्य और फल अर्पित करें।
- भगवान गोवर्धन के आगे दीप प्रज्वलित करें।
- इसके बाद भगवान गोवर्धन की 7 बार परिक्रमा करें (जानिए क्या है गोवर्धन परिक्रमा)।

- परिक्रमा के दौरान लोटे से गंगाजल आकृति के चारों ओर गिराते चलें
- जल गिराने के साथ साथ जौ के बीज भी बोते हुए चलें।
- प्रक्रम के पश्चात अंत में भगवान गोवर्धन की आरती उतारें।
- नाभि वाले दीपक में मौजूद प्रसाद का वितरण करें और भगवान गोवर्धन का आशीर्वाद लें।
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