अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस वह दिन है, जो हर महिला को समाज में उनके अहम योगदान के लिए अप्रीशिएट करता है। इस दिन को पूरी दुनिया में धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। जहां बड़ी-बड़ी कंपनियां महिलाओं के लिए स्पेशल ईवेंट ऑर्गनाइज करती हैं, वहीं घर-परिवारों में भी महिलाओं को इस दिन स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाता है। टीवी एक्ट्रेसेस इस दिन को कैसे सेलिब्रेट करती हैं और उनके लिए इस दिन के क्या मायने हैं, आइए जानते हैं-
स्मिता बंसल
‘अलादीन: नाम तो सुना होगा’ में अम्मी बनने वाली स्मिता बंसल बताती हैं, 'मेरे लिये, तो हर दिन ही वुमन्स डे होता है, क्योंकि महिलाओं के लिये मैं केवल एक दिन मनाने पर भरोसा नहीं करती हूं, जो बेहद दमदार और सशक्त हैं। हालांकि, किसी ना किसी रूप में यह सही भी है कि हम इस दिन को मनाते हैं, क्योंकि कम से कम लोग इस बात पर ध्यान तो देते हैं कि महिलाएं कितना कुछ करती हैं और वे उन्हें शुक्रिया कहते हैं और उनका आभार व्यक्त करती हैं। मेरे विचार से, वुमन्स डे अपने आप में एक सशक्तर दिन है, जिसमें यह संदेश दिया जाता है कि महिलाओं को जश्नक मनाने की जरूरत है। महिलाएं इस समाज के आधार स्तंभों में से एक हैं और लोगों को उन्हें नीचा दिखाना बंद कर देना चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि महिला ही महिला की दुश्मन होती है, उन्हें इस बात की चिंता सताने रहती है कि दूसरी महिला क्या कर रही है। इसकी बजाय महिलाओं को अपनी ताकत पहचाननी चाहिए। अगर ये हो जाए तो हर कोई उन्हें सशक्त बनाने में मदद कर सकता है।
निया शर्मा
‘तेनाली रामा’ में शारदा बनने वाली निया शर्मा बताती हैं, 'मैं अपने पेरेंट्स की इकलौती संतान हूं और मुझे इस तरह से बड़ा किया गया है कि मैं बेटी होने के साथ-साथ उनका बेटा भी हूं। मेरे विचार से महिला और पुरुष समान होते हैं और इसीलिए केवल एक दिन महिलाओं के लिये नहीं मनाना चाहिए। मेरे हिसाब से हर दिन वुमन्स डे होता है, क्योंकि महिलाएं वाकई सशक्त होती हैं। अपनी मां को देखकर मुझे यह बात महसूस होती है, जो बेहद सशक्त महिला हैं और हमारे लिए उन्होंने काफी कुछ किया है। इसीलिये, इस वुमन्स डे पर मेरा हर किसी से यही कहना है कि महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। उन्हें इस आधार पर जज नहीं करना चाहिये कि उन्होंने क्या पहना है या उनके शब्द कैसे हैं। इस बात के लिए उनकी प्रशंसा होनी चाहिए कि वो क्या हैं।
आशिता मुद्गल
‘भाखरवड़ी’ में गायत्री का किरदार निभाने वाली आशिता मुद्गल बताती हैं, 'मुझे लगता है कि वुमन्स डे उन महिलाओं के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने का एक मौका होता है, जिन्हें आप प्यार करते हैं या फिर जो आपकी जिंदगी में अहम भूमिका निभाती हैं। खासतौर से हमारी मां हमारे लिये और पूरे घर के लिए काफी कुछ करती हैं। उन्हें बहुत सारे प्यार और सराहना की जरूरत होती है। मैं हमेशा ही अपना वुमन्से डे अपनी मां के साथ मनाती हूं। मैं और मेरी बहन उस दिन अपनी मां को पूरा आराम देने की कोशिश करते हैं , क्योंकि ज्यादातर वक्त वह हम लोगों के लिए काम में लगी रहती हैं।' इस वुमन्सल डे मैं सबसे यह गुजारिश करना चाहती हूं कि हर किसी को उनके जीवन में जो भी महिला है उनके लिये कुछ खास करना चाहिये, चाहे वह उनकी मां हों, बहन हों, दोस्त या फिर कोई और। उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त करें और उन्हें यह अहसास कराएं कि उनके जीवन में वे कितनी अहम भूमिका निभाती हैं।
शिवानी बडोनी
शो ‘बावले उतावले’ में फुंटी का किरदार निभाने वाली शिवानी बडोनी कहती हैं, 'एक महिला आपके जीवन में कितना प्यार, खुशहाली और आनंद लेकर आती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है और यह जानकर अच्छा लगता है कि महिलाओं को सम्मान देने के लिये हमारे पास एक खास दिन है, जबकि हर दिन यह दिन मनाना चाहिए। मैं अपनी मां के बहुत करीब हूं और उनके इस दिन को मैं उनके साथ फिल्म देखकर और लंच पर जाकर, उनके साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताकर मनाती हूं। हालांकि, इस बार मैं मुंबई में हूं और वह देहरादून में हैं और मैं उन्हें बहुत मिस कर रही हूं। हर किसी से मेरी यही गुजारिश है कि उनके जीवन में जो महिलाएं हैं, उनके लिए इसे जरूर सेलिब्रेट करें, क्योंकि महिलाओं को खुद इस बात का अहसास नहीं होता कि उनकी अहमियत कितनी ज्यादा है। साथ ही मैं सारी महिलाओं से ये कहना चाहूंगी कि खुद की और अपने आस-पास की महिलाओं की सराहना करके और उन्हें खुशी देकर इस दिन का जश्न मनाएं।
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