भगवान गणेश के जन्मदिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस साल 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। हिंदू धर्म के लोग लाभ प्राप्ति के लिए भगवान गणेश का पूजन करते हैं। भगवान गणेश को सभी दुखों का हर्ता और संकट दूर करने वाला देवता माना जाता है। वैसे तो किसी भी नए काम को करने से पहले गणेश जी की पूजा करना शुभ मानते हैं। लेकिन ऐसा क्यों करते हैं यह हम आपको इस लेख में बताएंगे।
नए काम से पहले गणेश जी की पूजा होती है सर्वप्रथम
- हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि किसी भी नए काम को शुरू करते समय भगवान गणेश जी का पूजन करने से उसमें कोई बाधा नहीं आती है।
- आपको बता दें कि कई लोग यह भी मानते हैं कि गणेश जी की पूजा करने से आपके सफलता के रास्ते में कोई यदि कोई बाधा आती है तो भगवान गणेश की कृपा से दूर हो जाती है। इसलिए किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले गणेश जी की पूजा सर्वप्रथम की जाती है।
- आपने यह भी देखा होगा कि पंडित जी किसी भी काम का शुभारंभ करने से पहले सर्वप्रथम श्री गणेशाय नमः: लिखते हैं। इसका मतलब यह है कि नए काम की शुरुआत भगवान गणेश के नाम को लिखकर शुरू करी जा रही है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है।
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क्यों गणेश जी की पूजा होती है सबसे पहले
- एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार सभी देवताओं में एक बात को लेकर विवाद आरंभ हुआ। इस विवाद का कारण यह था कि सबसे पहले किस भगवान की पूजा करनी चाहिए।
- सभी देवताओं का अपना एक अलग महत्व और अपना- अपना कार्य होता है। ऐसे में किस देवता को सर्वप्रथम पूजा जाए इस बात की चर्चा सभी देवताओं के बीच हुई।
- हर देवता खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने लगे क्योंकि हर देवता यही चाहते थे कि उनकी पूजा सबसे पहले की जाए। यह सभी अपने- अपने गुणों का बखान करने लगे।
- उसी वक्त नारद जी वहां से गुजर रहे थे उन्हें जब इस बारे में पता चला तब वो वहां प्रकट हुए और उन्होंने सभी देवताओं को भगवान शिव से इस प्रश्न का जवाब मांगने की सलाह दी।
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- सभी देवता भगवान शिव के पास इस प्रश्न को लेकर पहुंचे और अपना- अपना पक्ष रखने लगे। इस विवाद को सुलझाने के लिए भगवान शिव ने एक प्रतियोगिता का आयोजन किया।
- शिव जी ने कहा कि जो भी देवता इस पूरे ब्रह्मांड के सात चक्कर लगाकर सबसे पहले मेरे पास पहुंचेगा वही विजयी घोषित होगा और उसे ही सर्वप्रथम पूजा जाएगा।
- यह बात सुनकर सभी देवता अपने-अपने वाहनों पर बैठकर ब्रह्माण्ड के चक्कर लगाने के लिए चले गए। गणेश जी ने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था।
- आपको बता दें कि जब सभी देवता ब्रह्माण्ड का चक्कर लगा रहे थे तभी गणेश ने अपनी बुद्धि का प्रयोग किया और उन्होंने अपने माता-पिता यानि शिव और पार्वती के सात चक्कर लगा लिये।
- इसके बाद सभी देवता जब ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाकर भगवान शिव-पार्वती के पास पहुंचे, तब गणेश जी को प्रतियोगिता का विजेता घोषित कर दिया था। इस बात को सुनकर सभी देवता और गणेश जी के भाई कार्तिकेय भी अचंभित हुए।
- सभी देवताओं ने इसका कारण पूछा तब भगवान शिव ने सभी को बताया कि 'इस संसार में माता-पिता को समस्त ब्रह्माण्ड एवं लोक में सर्वोच्च स्थान दिया गया है माता और पिता के चरणों में ही समस्त संसार का वास होता है'।
- भगवान शिव ने यह भी कहा कि 'गणेश ने अपने माता-पिता के ही चक्कर लगाए यानि की उसने पूरे ब्रह्माण्ड के चक्कर लगा लिए और सबसे पहले उसने यह कार्य किया इसलिए वह इस प्रतियोगिता में विजयी हो गया'।
- तभी से गणेश जी की सर्वप्रथम पूजा की जाती है।
तो यह थी गणेश जी से जुड़ी हुई जानकारी।
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Image credit- freepik/unsplash
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