वर्ष भर के इंतजार के बाद गणेश चतुर्थी का त्योहार एक बार फिर से पूरे भारत वर्ष में मनाए जाने की तैयारियां चल रही हैं। 11 दिन के इस त्योहार को लोग खूब धूम-धाम से मनाते हैं। पूरे गाजे-बाजे के साथ लोग गणपति जी की प्रतिमा को अपने घर लाते हैं और अपनी श्रद्धा के अनुसार उनकी सेवा करने के बाद उन्हें विसर्जित कर देते हैं। इस बार गणेश चतुर्थी का उत्सव 2 सितंबर 2019 से शुरू हो कर 13 सितंबर 2019 तक चलेगा। उज्जैन के पंडित एंव ज्योतिषाचार्य दयानंद शास्त्री कहते हैं, ‘भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को दिन मध्याह्र काल में, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था। इसी कारण मध्याह्र काल में ही भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इसे बहुत शुभ माना गया है।’ इतना ही नहीं पंडित जी गणपति स्थापना और मूर्ती पूजान की सही विधि और मुहूर्त के बारे में भी बताते हैं।
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गणपति पूजन का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन पूजन का शुभ मूहर्त दोपहर 11 बजकर 4 मिनट से 1 बजकर 37 मिनट तक है। पूजा का शुभ मूहर्त करीब दो घंटे 32 मिनट की अवधि है। यदि आप घर में गणपति जी की स्थापना कर रही हैं तो आपको इस शुभ मुहूर्त में उनकी स्थापना करके पूजा करनी चहिए।
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विसर्जन का शुभ मुहूर्त
यदि आप 2 तारीख को स्थापना करके एक दिन में ही गणपति को विर्सजित करना चाहती हैं तो आपको 3 सितंबर तड़के सुबह मुहूर्त: 1.47 AM से 6.04 AM बजे के बीच विर्सजन करना चाहिए।गणेश चतुर्थी के दिन यहां होती है धूमधाम से चांद की पूजा
अगर आप तीन दिन पर गणपति विसर्जन करना चाहती हैं तो आपको 5 सितंबर को गणपति विर्सजन करना चाहिए। इस दिन कई शुभ मुहूर्त हैं। सुबह का मुहूर्त: 6.04 AM से 9.12 AM तक और फिर 10.46 AM से 12.20 PM तक दोपहर में मुहूर्त: 3.28 PM से 6.36 PM तक शाम में मुहूर्त: 8.20 PM से 12.20भगवान गणेश की मूर्ति करनी है गिफ्ट, तो जान लें शास्त्रों में लिखे ये नियम
सात दिन में अगर आप गणपति विसर्जन करना चाह रही हैं तो शुभ मुहूर्त इस तरह हैं। 9 सितंबर सुबह का मुहूर्त: 7.39 AM से 12.19 PM दोपहर में मुहूर्त: 1.52 PM से 3.25 PM शाम में मुहूर्त: 6.31 PM से 10.52 PM रात का मुहूर्त: 1.46 AM से 03.13 AMगणेश चतुर्थी पर जानिए एक ऐसी कहानी जो जुड़ी है सिद्धिविनायक मंदिर से
गणेश (अनन्त) चतुर्दशी यानी गणेश महोत्सव के 11वें दिन अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है। सुबह का मुहूर्त: 6.08 AM से 7.40 AM और फिर 10.45 AM से 3.22 PM दोपहर में मुहूर्त: 4.54 PM से 6.27 PM शाम में मुहूर्त: 6.27 PM से 9.22 PM रात का मुहूर्त: 12.18 AM से 1.45 AMगणेश जी के भक्त हैं तो उनके मंदिरों से जुड़े इन आसान से सवालों के दें जावाब
कैसे करें स्थापना
जब आप गणपति को घर लाने के लिए लेने जाएं तो आप उस वक्त नए कपड़े पहनें। गाजे बाजे के साथ गणपति को अपने घर लेकर आएं। घर में लाने के बाद चांदी की थाली में स्वास्तिक बनाकर उसमें गणपति को विराजमान करें। चांदी की थाली न हो पीतल या तांबे का प्रयोग करें। घर में विराजमान करने जा रही हैं तो आपको इस दिन घर में मंगलगान करवाना चाहिए। साथ ही कीर्तन करें। गणपति जी को लड्डू अति प्रीय हैं तो उन्हें इसी का भोग भी लगाएं। इसके बाद रोज सुबह -शाम उनकी आरती करें और मोदक का भोग लगाएं और अंतिम दिन विसर्जन करें।भगवान गणेश के बारे में कितना जानती हैं आप
गणपति जी को स्थापित करने वाला कैसा हो पूजा स्थल
जहां आप गणपति जी को स्थापित कर रही हैं वहां पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं ओर चार हल्दी की बंद लगाएं। इसके बाद एक मुट्ठी चावल रखें। इस पर छोटा बाजोट, चौकी या पटरा रखें। लाल, केसरिया या पीले वस्त्र को उस पर बिछाएं। रंगोली, फूल, आम के पत्ते और अन्य सामग्री से स्थान को सजाएं। तांबे का कलश पानी भर कर रखें, इस पर आम के पत्ते और नारियल रखें। कोशिश करें कि यह तैयारी गणेश उत्सव के पहले कर लें।
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