herzindagi
ganesh chaturthi siddhivinayak temple

गणेश चतुर्थी पर जानिए एक ऐसी कहानी जो जुड़ी है सिद्धिविनायक मंदिर से

सिद्धिविनायक मंदिर से एक ऐसी कहानी जुड़ी हुई है जिस वजह से किसी भी भक्त की मनोकामना भगवान गणेश पूरी करते हैं।
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-09-13, 16:16 IST

सिद्धिविनायक मंदिर से एक ऐसी कहानी जुड़ी हुई है जिस वजह से किसी भी भक्त की मनोकामना भगवान गणेश पूरी करते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन सिद्धिविनायक मंदिर चारो तरफ से रोशनी से जगमगा उठता है। मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 1801 में विट्ठु और देउबाई पाटिल ने किया था और इस मंदिर में गणपति का दर्शन करने के लिए लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है।  

तो चलिए जानते हैं क्या है सिद्धिविनायक मंदिर के पीछे की कहानी। 

ganesh chaturthi siddhivinayak temple

सिद्धिविनायक मंदिर से जुड़ी खास बातें 

सिद्धिविनायक मंदिर से कई दिलचस्प बातें जुड़ी हुई हैं। सिद्धिविनायक मंदिर को अमीर मंदिर माना जाता है इसके पीछे का कारण यह है कि यहां हर साल जितना चढ़ावा चड़ता है उतने में पूरी मुंबई को पेट भरके खाना खिलाया जा सकता है। बॉलीवुड की फिल्मों के कारण भी ये मंदिर काफी फेमस हुआ है। सिद्घिविनायक भगवान गणेश का सबसे लोकप्रिय रूप है। 

भगवान गणेश की जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरफ मुड़ी होती है वो सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्घिविनायक मंदिर कहलाते हैं। ऐसा कहते हैं कि सिद्धिविनायक की महिमा अपरंपार है और वो अपने भक्तों की मनोकामनाओं को तुरंत पूरा करते हैं। 

ऐसी मान्यता है कि ऐसे गणपति बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और उतनी ही जल्दी कुपित भी होते हैं। चतुर्भुजी विग्रह सिद्धिविनायक की दूसरी विशेषता यह है कि वह चतुर्भुजी विग्रह है। इस मंदिर में सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि हर धर्म के लोग दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। 

ganesh chaturthi siddhivinayak temple

सिद्धिविनायक मंदिर की कहानी 

कथा के अनुसार जब विष्णु भगवान सृष्टि की रचना कर रहे थे तो उन्हें नींद आ गई। उस समय भगवान विष्णु जी के कानों के दो राक्षस मधु और कैटभ उत्पन्न हुए। वो दोनों ही देवताओं तथा ऋषि- मुनियों पर अत्याचार करने लगे। मधु और कैटभ के अत्याचारों से परेशान होकर देवताओं ने श्री विष्णु की आराधना की और उनका वध करने को कहा। इसके बाद भगवान विष्णु जी अपनी निद्रा से जागे और उन्हें मारने का प्रयास किया लेकिन वह असफल रहें। 

 

भगवान विष्णु ने भगवान शिव से सहायता मांगी तब भगवान शिव ने उन्हें बताया कि गणेश के बिना यह कार्य सफल नहीं हो सकता है। इसके बाद भगवान विष्णु ने गणेश जी का आवाहन किया। भगवान विष्णु के प्रार्थना पर गणेश जी प्रकट हुए और दोनों राक्षसों का वध कर दिया। 

राक्षसों के वध के बाद भगवान विष्णु ने एक पर्वत पर मंदिर बनवाया और भगवान गणेश की स्थापना की। इसके बाद उस स्थान को सिद्धिटेक और मंदिर को सिद्धिविनायक के नाम से जाना जाने लगा। 

ganesh chaturthi siddhivinayak temple

सिद्धिविनायक मंदिर में एंट्री 

इस मंदिर में प्रवेश के लिए दो द्वार हैं सिद्धि गेट से आप मुफ्त में भगवान के दर्शन कर सकते हैं जबकि रीद्धि गेट से सामान्य दर्शन होते हैं। यहां पर सीनियर सिटीजन, छोटे बच्चे और विकलांग श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खास सुविधा होती है। 

 

 

 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।