Til Aur Gud On Festivals: 15 जनवरी 2023, दिन रविवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य भगवान की पूजा के साथ-साथ तिल और गुड़ का भी बहुत महत्व माना गया है। मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ के लड्डू या इनसे बनी कोई मिठाई सूर्य देव को अर्पित की जाती और और फिर वही प्रसाद परिवार समेत सभी को आस-पड़ोस में बांटा जाता है।
हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि तिल और गुड़ का प्रचलन मकर संक्रांति के दिन इसलिए भी है क्योंकि मकर संक्रांति ठंड के दिनों में आती है और सर्दी में ये दोनों ही चीजें शरीर के लिए बेहद फायदेमंद रहती हैं। इसलिए तिल और गुड़ खाने का रिवाज है। इसके अलावा, ज्योतिष दृष्टि से तिल और गुड़ सूर्य को मजबूत करते हैं, उनकी स्थिति को कुंडली में शुभ बनाते हैं।
इसलिए तिल और गुड़ का मकर संक्रंती पर चलन है। वहीं, सिर्फ मकर संक्रांति ही नहीं बल्कि कई और ऐसे त्यौहार हैं जिनपर तिल और गुड़ का प्रचलन है। तिल और गुड़ के बिना यह त्यौहार अधूरे माने जाते हैं और इन त्यौहारों का महत्व भी तिल और गुड़ के कारण ही है। ऐसे में आइये जानते हैं कि कौन से हैं वो त्यौहार जिन्हें तिल और गुड़ के बिना नहीं मनाया जा सकता है।
संकष्टी तिल गणेश चतुर्थी
संकष्टी तिल गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश का भोग तिल और गुड़ के लड्डुओं से लगाया जाता है। इस दिन पिसे हुए तिलों से पहाड़ बनाकर श्री गणेश (श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाने के नियम) को दूर्वा चढ़ाया जाता है।
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षट्तिला एकादशी
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर एकादशी का व्रत रखा जाता है और भगवान विष्णु को तिल एवं गुड़ का भोग लगाया जाता है।
तिल द्वादशी
तिल द्वादशी को भगवान शिव और भगवान विष्णु (भगवान विष्णु को क्यों कहा जाता है नारायण) की एक साथ पूजा का दिन माना जाता है। इस दिन तिल और गुड़ के बने पकवानों का एक ही थाली में महादेव और श्री हरि को भोग लगाया जाता है।
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तिलकुंद विनायकी चतुर्थी
तिलकुंद विनायकी चतुर्थी का एक नाम तिल कुटिया चतुर्थी भी है। इस दिन भगवान श्री गणेश को तिल को कूटकर उसके भोग लगाने का विधान है। कुटी तिल के साथ गुड़ का भोग लगाने की भी परंपरा है।
तो ये थे वो चार त्यौहार जिनका महत्व और मनाने का असली मजा तिल और गुड़ के साथ है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Freepik
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