Chandra Grahan 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार, दिवाली के बाद साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर, दिन मंगलवार को पड़ा था। वहीं, सूर्य ग्रहण के बाद अब चंद्र ग्रहण का साया भी नवंबर महीने में दिखने वाला है। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर, दिन मंगलवार को पड़ेगा। ऐसे में हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें चंद्र ग्रहण के व्रत नियमों को लेकर कुछ बातें बताई हैं जिन्हें आज हम आपसे साझा करने जा रहे हैं।
चंद्र ग्रहण की व्रत विधि (Chandra Grahan Vrat Vidhi)
- चंद्र ग्रहण से पहले स्नान करें।
- स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
- चंद्र ग्रहण के समय अपने इष्ट का स्मरण करें।
- रोजाना की तरह भगवान की पूजा आराधना करें।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान घर में शांतिमय वातावरण बनाए रखें।
- चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी खाने पीने की वस्तु में तुलसी अवश्य चढ़ाएं।
- चंद्र ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं नारियल (नारियल के उपाय) का गोला खा सकती हैं।
- चंद्र ग्रहण काल में गर्भवती महिला के अलावा अन्य सदस्य न कुछ खाएं और न ही पकाएं।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान मन में सात्विक विचार ही रखें।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान सोना भी वर्जित माना जाता है। इसलिए सोने से भी बचें।
- चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी नुकीली चीज को न छुएं इससे घर में अशांति और कलह पनप सकते हैं।
चंद्र ग्रहण की व्रत पारण विधि (Chandra Grahan Vrat Paran Vidhi)
- चंद्र ग्रहण के बाद घर को गंगाजल से शुद्ध करें।
- पूरे घर में गंगाजल (गंगाजल रखने के नियम) का छिड़काव अवश्य करें।
- अपने इष्ट का स्मरण करें।
- इसके बाद रसोई घर में खाना पकाने से पहले मां अन्नपूर्णा का भी ध्यान करें।
- खाना बनाने के बाद सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं और फिर ही व्रत का पारण करें।
अगर आप भी चंद्र ग्रहण के दौरान व्रत रखने वाले हैं तो इन नियमों का पालन अवश्य करें। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Freepik
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