भारत के मशहूर शायर जिनके नाम के दीवाने हैं करोड़ों लोग

अगर आपको शायरी सुनना पसंद है, तो यकीनन आप भी किसी शायर के फैंन होंगे। लेकिन क्या आपको मालूम है कि भारत के मशहूर शायर कौन-कौन से रहे हैं? अगर नहीं, तो आइए इस लेख में जानने की कोशिश करते हैं। 

 
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'हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन

दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है',....

'वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर

आदत इस की भी आदमी सी है', .....

'और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा

राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा'......

ऐसे बहुत से शेर जो आपके सामने से गुजरे होंगे, उनके कुछ हिस्से आपको याद होंगे, कुछ नहीं याद होंगे। और भी ना जाने कितने शेर हैं, जिन्हें बार-बार पढ़ने या सुनने का मन करता है। हम अपनी इंस्टा की रील्स पर, सोशल मीडिया पर सुनते और देखते रहते हैं। शेर-ए-शायरी हमेशा से ही हिंदी साहित्य की धरोहर रहा है। देश में एक से एक बढ़कर कवि और शायर रहे हैं।

भले ही आज इनका वजूद खत्म हो गया हो, लेकिन इनके द्वारा लिखी गई नज्म, कविताएं आज भी लोगों की जुबान पर कायम हैं। वो कहते हैं ना...इंसान का वजूद खत्म हो सकता है लेकिन उसका लिखा कभी खत्म नहीं होता..खैर। आपका भी कोई पसंदीदा शायर रहा होगा, लेकिन क्या आपको मालूम है कि भारत के मशहूर शायर कौन-कौन से रहे हैं? अगर नहीं, तो आइए इस लेख में जानने की कोशिश करते हैं।

मिर्जा गालिब

Mirza galib ()

हैं और भी दुनिया में सुखनवर बहुत अच्छे

कहते हैं कि 'गालिब' का है अंदाज़-ए-बयां और....

मिर्जा गालिब के नाम से कोई वाकिफ नहीं होगा। मिर्जा गालिब भारत के बहुत मशहूर शायर रहे हैं, जिनका नाम 'मिर्जा असदुल्लाह खां'था। यह उर्दू और फारसी भाषा के एक महान शायर थे, जिनका जन्म 27 दिसंबर 1797 को आगरा में हुआ था। गालिब की जिंदगी आगरा, दिल्ली और कोलकाता में गुजरी है।

हालांकि, गालिब की शिक्षा को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन इतना जरूर पता है उन्हें उर्दू बहुत अच्छी आती थी। उनकी शायरी का आज भी हर कोई दीवाना है।

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बशीर बद्र

खुदा से रोज तुम को मांगता हूं

मेरी चाहत इबादत हो गई है...

यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि गजल को लोकप्रिय बनाने में बशीर का नाम सबसे ऊपर आता है। इनकी भाषा में जो नरमी है, जो रवानगी देखने को मिलती है शायद ही किसी और बड़े शायर में मिले। बशीर साहब की एक खासियत थी वो हमेशा आम बोलचाल की भाषा का इस्तेमाल करते था।

कठिन भाषा के इस्तेमाल से हमेशा बचते थे और यह कहा भी करते थे कि फारसी और उर्दू के इस्तेमाल भर से सिर्फ गजल नहीं बनती बल्कि जमीनी भाषा से एक अच्छी गजल बनती है। बता दें कि 15 फरवरी 1935 में हुआ था।

राहत इंदौरी

Mirza galib

जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे

मैं कितनी बार लुटा हूं, हिसाब तो दे....

यह गजल राहत इंदौरी की है, जिनकी हर गजल व शेर में कला साफ झलकती थी। राहत इंदौरी के हर शेर की शुरुआत बेहद अलग अंदाज से हुआ करती थी। वो शेर में मोहब्बत के साथ व्यवस्था को आईना भी दिखाया करते थे।

बता दें कि राहत इंदौरी एक भारतीय उर्दू शायर और हिंदी फिल्मों के गीतकार थे। वे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौरमें उर्दू साहित्य के प्राध्यापक भी रहे हैं। इनका जन्म सन 1 जनवरी 1950 इंदौर यानी मध्य प्रदेश में हुआ था।

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तो ये थे भारत के मशहूर शायर....हालांकि, फैज अहमद फैज भी मशहूर शायर रहे हैं, लेकिन इनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था। आपका पसंदीदा शायर का नाम क्या है हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

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Image Credit- (@Freepik)

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