कोहिनूर को लेकर फिर हो रही है चर्चा, जानें इस नायाब हीरे से जुड़े फैक्ट्स

क्या आप जानते हैं कि कोहिनूर पर कौन सा श्राप है? जानिए इस नायाब हीरे से जुड़ी कुछ रोचक बातें। 

kohinoor diamond history

क्या आपने सुना? कोहिनूर को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है। अभी ब्रिटेन की महारानी की मौत हुए कुछ ही दिन हुए हैं और कोहिनूर को वापस भारत लाने की बात होने लगी है। दरअसल, इन दिनों ब्रिटिश राज परिवार ना सिर्फ महारानी के स्वर्गवास के कारण बल्कि प्रिंस चार्ल्स ... सॉरी-सॉरी अब वो किंग बन चुके हैं तो किंग चार्ल्स के राज गद्दी पर बैठने के फंक्शन के कारण चर्चा में बना हुआ है। 72 साल की उम्र में अब वो राजा बनने जा रहे हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि राज समारोह के समय उसी ताज को उनके सिर पर रखा जाएगा जिसमें कोहिनूर लगा हुआ है। कोहिनूर हीरा बहुत ही नायाब है और पूरी दुनिया में बहुत कम ऐसे हीरे होंगे जो उसकी तरह फेमस होंगे। कोहिनूर को भारत की शान कहा जाता था, लेकिन जिस तरह से कोहिनूर सालों से ब्रिटिश ताज का हिस्सा बना हुआ है उसे लेकर गाहे-बगाहे भारतीयों का गुस्सा जागता ही रहता है।

कोहिनूर को लेकर फिर सोशल मीडिया पर ऐसी चर्चा होने लगी है तो क्यों ना हम उससे जुड़े कुछ फैक्ट्स आपको बताएं? चलिए आज बात करते हैं कोहिनूर की।

भारत के इस हिस्से से निकला था कोहिनूर

कोहिनूर हीरा आंध्रप्रदेश के गोलकोंडा प्रांत से निकाला गया था। ये बहुत ही भारी हीरा था जिसका वजन 793 कैरेट था, लेकिन साल दर साल और सदी दर सदी इसका वजन कम होता रहा और आखिरी बार क्वीन विक्टोरिया ने इसे कटवाकर अपने ताज के आकार का बनवाया था। इसका बाद से वो ब्रिटिश राज घराने के अलग-अलग सदस्यों के पास ही है।

diamon in queen crown

क्या शापित है कोहिनूर?

कोहिनूर हीरा शापित माना जाता है। दरअसल, इसका ताल्लुक 1306 के एक लेख से है जहां कोहिनूर का जिक्र पहली बार किया गया था। ऐसा माना जाता है कि कोहिनूर को सिर्फ कोई महिला ही धारण कर सकती है, लेकिन अगर किसी पुरुष के पास ये चला जाता है तो उसके सामने कई सारी तकलीफें आती हैं और किस्मत उससे रूठ जाती है। ये श्राप किसने दिया और क्यों ऐसा कहा जाता है इसके बारे में जानकारी किसी को नहीं है।

इसे हम कोहिनूर के इतिहास से भी जोड़कर देख सकते हैं। आखिरी भारतीय राजा जिसके पास कोहिनूर था वो थे दिलीप सिंह जिन्हें लॉर्ड डलहौजी ने कोहिनूर को ब्रिटिश क्वीन को सौंपने को कहा था।

इसे क्वीन विक्टोरिया ने अपने तज में सजाया था, इसके बाद एडवर्ड VII की पत्नी क्वीन एलेक्जेंड्रा के ताज में ये था, इसके बाद 1911 को क्वीन मैरी के ताज में इसे सजाया गया था और आखिर 1937 में वो ब्रिटिश राज परिवार के आधिकारिक क्राउन का हिस्सा बन गया जिसे क्वीन एलिजाबेथ ने पहना था।

kohinoor diamonds

पाकिस्तान भी जताता है कोहिनूर पर हक

भले ही कोहिनूर भारत में निकाला गया हो, लेकिन आखिरी बार जहां कोहिनूर था वो जगह पाकिस्तान में थी और इसलिए पाकिस्तानी सोशल मीडिया फोर्स भी कोहिनूर को अपना मानती है। वहां भी कोहिनूर को पाकिस्तान में बुलवाने की मांग उठती रहती है।

इसे जरूर पढ़ें- डायमंड से जुड़े ये फैक्ट्स आपको नहीं होंगे मालूम

हो सकता है कभी वापस ना आए कोहिनूर...

मैं जानती हूं इसे पढ़कर आप निराश होंगे, लेकिन हो सकता है ये कभी वापस ही ना आए। 2016 में चल रहे एक केस में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सरकार यूनाइटेड किंगडम को कोहिनूर देने के लिए फोर्स नहीं कर सकती है क्योंकि ना ही इसे छीना गया था और ना ही चुराया गया था बल्कि इसे तो ब्रिटिश सरकार को भारतीय राजा ने गिफ्ट किया था। यही कारण है कि इसकी ओनरशिप तय नहीं की जा सकती है।

कोहिनूर एक नायाब हीरा है और इसकी खूबसूरती भी नायाब है। कोहिनूर के बारे में ये जानकारी आपको कैसी लगी इसके बारे में हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP