'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' ये एक ऐसी फिल्म रही है जिसे अब एक कल्ट कहा जा सकता है। शाहरुख और काजोल की बेमिसाल जोड़ी इस फिल्म को और भी ज्यादा खूबसूरत बनाती है। इस फिल्म के बाद ही शाहरुख एक सुपर रोमांटिक हीरो के तौर पर देखे जाने लगे थे और शाहरुख और काजोल को बड़े पर्दे की सबसे हिट जोड़ी माना जाता था।
'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' की बात जब होती है तो अमरीश पुरी और शाहरुख खान के डायलॉग्स, काजोल का वेडिंग लहंगा, ट्रेन वाला वो सीन और बहुत कुछ याद आता है। डीडीएलजे का क्लाइमैक्स सीन काफी अच्छा है जिसमें सिमरन का पूरा परिवार स्टेशन पर मौजूद रहता है और वो राज की ओर दौड़ता है।
अगर आपने ध्यान दिया हो तो इस क्लाइमैक्स सीन से हिमानी शिवपुरी यानि सिमरन की बुआ जी गायब रहती हैं। हिमानी शिवपुरी जो बहुत लंबे समय से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और कई हिट फिल्मों में काम कर चुकी हैं वो अपने एक्टिंग स्किल्स के लिए जानी जाती हैं।
1995 में आई फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में कम्मो बुआ का किरदार निभाने वाली हिमानी शिवपुरी क्लाइमैक्स में नहीं थी और इसके पीछे की वजह थी उनके साथ हुआ एक बड़ा हादसा।
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क्यों नहीं थी हिमानी शिवपुरी क्लाइमैक्स में?
हिमानी और अनुपम खेर की लव स्टोरी की छोटी सी झलक हमें इस फिल्म में देखने को मिली थी। हिमानी शिवपुरी का किरदार अनुपम खेर के साथ एक और सीन में दिखने वाला था, लेकिन अचानक क्लाइमैक्स से वो गायब हो गया। The Free Press Journal को दिए एक इंटरव्यू में हिमानी ने बताया था कि इसके पीछे उनके साथ हुआ एक हादसा था।
दरअसल, फिल्म के क्लाइमैक्स की शूटिंग से पहले ही हिमानी के पति की मौत हो गई थी और उन्हें तुरंत ही निकलना पड़ा था। उन्होंने बताया कि वो ही अकेली एक एक्टर हैं जो क्लाइमैक्स से मिसिंग हैं। हिमानी का कहना था कि, 'यशराज यूनिट बहुत ही अच्छा था और उनकी इस स्थिति में उनके लिए खड़ा था। मेरे पास सोचने के लिए समय नहीं था क्योंकि मैं एक अंजान शहर में अपने पति की अंतिम विदाई की तैयारी कर रही थी और हरिद्वार में उनकी अस्थियां विसर्जित कर रही थी।'
उस वक्त हिमानी की मदद के लिए पूरा क्रू आया था और उनके साथ खड़ा था।
फिल्म के टाइटल के पीछे है एक कहानी-
आदित्य चोपड़ा की लव चाइल्ड कही जाने वाली फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का टाइटल पहले कुछ और होने वाला था। यहां तक कि जब शाहरुख ने इस टाइटल को सुना था तो उन्हें ये कुछ खास पसंद नहीं आया था। इस टाइटल के चुनाव का श्रेय जाता है किरण खेर को जिन्होंने 1974 में आई फिल्म 'चोर मचाए शोर' के एक गाने 'ले जाएंगे ले जाएंगे दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' से इस टाइटल को लिया था।
आदित्य चोपड़ा इस टाइटल से इतने खुश थे कि फिल्म की शुरुआत में किरण खेर को उन्होंने क्रेडिट भी दिया है।
शाहरुख ने सुलझाया था एक झगड़ा-
शाहरुख और काजोल की फिल्म का एक गाना जिसे आज भी सबसे रोमांटिक गानों की लिस्ट में रखा जाता है वो है 'तुझे देखा तो ये जाना सनम', सरसों के खेत में खड़े शाहरुख की वो इमेज आज भी बहुत यादगार है। पर उस गाने की शूटिंग हरयाणा के एक खेत में होनी थी और जिन लोगों का वो खेत था उन्हें इस शूटिंग से आपत्ति थी।
इतना ही नहीं इस गाने की शूटिंग के रुकने की नौबत आ गई थी, लेकिन शाहरुख ने बीच में आकर उन लोगों से बात की और फिर शूटिंग की गई।
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काजोल को नहीं पता थी गिरने वाली बात-
इस फिल्म का एक और खूबसूरत गाना 'रुक जा ओ दिल दीवाने' में काजोल को शाहरुख नीचे गिरा देते हैं। ये हमेशा से ही सीन का हिस्सा था, लेकिन काजोल को इसके बारे में नहीं बताया गया था।
ऐसा इसलिए क्योंकि डायरेक्टर काजोल का असली रिएक्शन चाहते ते। इसलिए इस गाने में जब काजोल गिरती हैं वो असल रिएक्शन दिखाती हैं।
इस खूबसूरत फिल्म में सभी ने अपनी-अपनी तरह से बहुत अच्छा रोल निभाया था और इसलिए शायद ये फिल्म अभी भी याद की जाती है। अगर आपको भी इस फिल्म से जुड़ा कोई किस्सा पता है तो हमें जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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