देश के नागरिकों को जरूर पता होनी चाहिए CAA से जुड़ी ये खास बातें

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की अधिसूचना को जारी हो गई है। अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को आसानी से नागरिकता मिल जाएगी।

What is CAA

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसी के साथ देश भर में CAA कानून भी लागू हो गया है। इसके तहत अब अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता खुल गया है। इसके अनुसार जो भी लोग सामूहिक 2014 से पहले भारत आए हैं, उन्हें अब भारत की नागरिकता मिल जाएगी। तो चलिए हम आपको अब सीएए कानून से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं।

CAA का फुल फॉर्म क्या है?

what is the full form of CAA

देश भर में CAA कानून लागू होने के बाद कई लोग इस टर्म से परेशान हैं कि आखिर इसका मतलब क्या होता है। तो चलिए सबसे पहले हम आपको इसका फुल फॉर्म बताते हैं। इसका फुल फॉर्म है- सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (Citizenship Amendment Act)। हिंदी में इसे नागरिकता संशोधन अधिनियम के नाम से जाना जाता है।

CAA कानून क्या है?

यह एक ऐसा कानून है, जिसके तहत तीन पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता दी जाएगी। लेकिन इसके लिए 31 दिसंबर, 2014 से पहले जो लोग भारत आए थे, सिर्फ उन्हीं को यह अधिकार प्राप्त होगा।(सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए ऐप)

किसे मिलेगी नागरिकता?

CAA News in hindi

नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म हैं। जिन लोगों ने भी भारत में रहते हुए पांच साल की अवधि पूरी कर ली है, उन्हें नागरिकता मिल जाएगी।

CAA के लिए कैसे करना है अप्लाई?

सीएए के नियम पहले से ही तैयार कर लिए गए थे। इसके लिए आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है। अप्लाई करने के लिए आवेदकों को किसी भी अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होगी। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में आवेदकों को बताना होगा कि वे भारत कब आए थे।(दिल्ली में महिलाओं को हर महीने मिलेंगे 1000 रुपये, केजरीवाल सरकार की बजट में बड़ी घोषणा)

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कब बना था CAA नियम?

citizenship amendment act details in hindi

गृह मंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर 2019 को इसे लोकसभा में पेश किया था। नागरिकता संशोधन अधिनियम संसद में 11 दिसंबर 2019 को पारित किया गया था। इसमें सीएए के पक्ष में 125 वोट पड़े थे। वहीं, 105 वोट इसके विपक्ष में भी पड़े थे। फिर, 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी।

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Image credit- Jagran

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