भगवान राम जी भगवान विष्णु के 7वें अवतार माने जाते हैं। हमेशा से राम भगवान को एक आदर्श पुरुष माना गया है। इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहा जाता है। भगवान राम के कई सारे ऐसे गुण हैं जिन्हें हर छात्र अपने जीवन में अपनाकर अपने भविष्य को उज्जवल बना सकता है। हम आपको बताएंगे कि छात्र ऐसी कौन सी 5 सीख भगवान राम से ले सकते हैं।
1)शांत रहने की सीख
हर छात्र को भगवान राम से यह सीख लेनी चाहिए कि किस तरह से हर परिस्थिति में खुद को शांत रखा जाता है। अगर छात्र भगवान राम से यह सीख लेंगे तो उन्हें भविष्य में किसी भी परिस्थिति में खुद को शांत रखने के गुण अपने आ जाएगा और इसके साथ ही वह अपने गुस्से पर काबू कर पाएंगे। भले ही जीवन में कई परिस्थितियां आ जाये तभी भगवान राम की इस सीख से छात्र अपने मन को शांत रख पाएंगे।
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2) बड़ों का सम्मान करना
भगवान राम से हर छात्र को यह सीख ना चाहिए कि हमें हमेशा अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए। जिस तरह से भगवान राम ने अपने माता-पिता का हमेशा फैसला माना था और कभी भी उनके फैसले पर सवाल नहीं उठाया था उसी तरह हर छात्र को अपने माता-पिता के साथ-साथ बाकि बड़ों का भी आदर करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में तरक्की की राह खुल जाती है क्योंकि बड़ों का आशीर्वाद बना रहता है।
3) एक सच्चा दोस्त बनना है जरूरी
हर छात्र के जीवन में कई दोस्त होते हैं लेकिन कुछ दोस्त ऐसे होते है जिनके साथ दोस्ती बहुत गहरी होती है। हर छात्र को भगवान राम की तरह सच्ची दोस्ती रखनी चाहिए। जिस प्रकार से भगवान के दोस्त उनके भाई लक्ष्मण और उनके प्रिय भक्त हनुमान जी थे और भगवान राम अपने जीवन में दोनों को ही बहुत महत्व देते थे उसी प्रकार छात्रों को अपने दोस्त के प्रति सच्ची मित्रता रखनी चाहिए क्योंकि बुरे समय में दोस्त ही सबसे ज्यादा मदद करते हैं।
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4)हार को मात देने वाला लक्ष्य
भगवान राम ने हमेशा अपने जीवन में एक लक्ष्य को तय करके काम किया और अंत में सफलता को प्राप्त किया था उसी प्रकार से छात्रों को भी अपना लक्ष्य तय करके बिना किसी डर के उस लक्ष्य को पाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। भगवान राम की तरह ही हर छात्र को यह कोशिश करनी चाहिए कि अपने लक्ष्य तक पहुंचने में जितनी परेशानी आ जाए सभी का सामना करके आगे लक्ष्य की तरफ बढ़ना चाहिए।
5) अपने गुरु के प्रति आदर
गुरु के प्रति हमेशा आदर का भाव रखना चाहिए। जिस तरह से भगवान राम ने हमेशा अपने गुरु वशिष्ट की आज्ञा का पालन किया है। उसी प्रकार हर छात्र को अपने हर गुरु का आदर करना चाहिए क्योंकि गुरु सफलता की तरफ राह दिखाता है और गलत राह पर जाने से पहले हमेशा अपने छात्र को समझाता है। इसलिए हमेशा गुरु की आज्ञा का पालन करना जरूरी होता है।
यह थी वह सभी सीख जो हर छात्र को अपने जीवन में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी से सीखनी चाहिए।
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