हिन्दू धर्म में सभी तिथियों का अलग महत्व है। हर एक तिथि को अलग तरीके से मनाया जाता है और उसके पूजन का अलग विधान होता है। ऐसी ही तिथियों में से एक है ज्येष्ठ माह में पड़ने वाला गंगा दशहरा। गंगा दशहरा का सनातन धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। यह हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। आइए मान्यता है कि इसी दिन गंगा जी का अवतरण हुआ था। इसलिए गंगा जी के अवतरण की इस पावन तिथि के दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
गंगा दशहरा को गंगा जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन मां गंगा शिव जी की जटाओं से निकलकर धरती पर अवतरित हुई थीं। इस तिथि को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाने और इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की प्रथा काफी लंबे समय से चली आ रही है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ. आरती दहिया जी से जानें इस साल कब मनाया जाएगा गंगा दशहरा, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।
गंगा दशहरा की तिथि और शुभ मुहूर्त
- इस साल 9 जून 2022, बृहस्पतिवार को गंगा दशहरा मनाया जाएगा।
- ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि आरंभ : 9 जून, बृहस्पतिवार प्रातः 8:21
- ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि समापन: 10 जून, शुक्रवार, शाम 7:25
पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व
ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा जैसी पवित्र नदी में स्नान करके दान-पुण्य करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। यदि गंगा में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल (कभी खराब क्यों नहीं होता है गंगाजल)डालकर स्नान करें। यह भी गंगा स्नान के समान ही पुण्य देता है।
गंगा दशहरा का महत्व
इस बार गंगा दशहरा यानी शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र बन रहा है। इस तिथि को हर प्रकार के पापों को नष्ट करने वाला बताया गया है। वराह पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के हस्त नक्षत्र में गंगा नदी धरती पर आयी थी। इस दिन गंगा नदी में खड़ा होकर जो व्यक्ति गंगा स्त्रोत का पाठ करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन आम, केला, नारियल, सुपारी, खरबूजा आदि का दान करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा में दस का बहुत महत्व है, इस दिन जो भी दान करें वह 10 की संख्या में होनी चाहिए। इस दिन विधि विधान से मां गंगा की पूजा करनी चाहिए, जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा आरती का भी विशेष महत्व है।
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गंगा दशहरा पूजा विधि
- गंगा दशहरा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर दैनिक क्रियाओं से मुक्त होकर गंगा में स्नान करें।
- स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देते हुए आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें।
- गंगा मां का ध्यान करते हुए गंगा के मंत्रों का जाप करें।
- पूजा पूर्ण होने के बाद गंगा जी की आरतीकरें और गरीबों को दान दें।
- दान के समय ध्यान रखें कि दान में दी जाने वाली वस्तुएं 10 की मात्रा में दान करें।
इस प्रकार गंगा दशहरा का विशेष महत्व है और इस दिन पवित्र नदी में स्नान करते हुए गंगा आरती का लाभ जरूर उठाएं। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ जुड़ी रहें।
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Image Credit: Freepik and unsplash
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