दुबई की प्रिंसेस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की बेटी शेख माहरा कल से सुर्खियों में बनी हुई हैं। जो लोग उनके बारे में नहीं भी जानते थे, वे भी उन्हें इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं और उनके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, शेख माहरा ने कुछ ऐसा किया है जिसने इस्लामिक देशों में हंगामा खड़ा कर दिया है और लोग भी लगातार सवाल उठा रहे हैं। आपको बता दें कि दुबई की राजकुमारी ने अपने पति को 'तीन तलाक' दिया है। अक्सर हम सभी यही सुनते आए हैं कि इस्लाम में किसी पति ने अपनी पत्नी को 'तीन तलाक' दिया है। लेकिन, यहां कहानी एकदम उल्टी है और आसानी से लोगों को हजम भी नहीं हो रही है। अगर आप भी इस खबर के बारे में जानते हैं और आपके मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस्लाम में महिलाएं 'तीन तलाक' दे सकती हैं? तो चलिए, आपको इस पूरे मामले की जानकारी देते हैं और इस्लाम इस पर क्या कहता है, यह भी बताते हैं।
दुबई की राजकुमारी ने अपने पति को दिया तलाक
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दुबई के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की बेटी शेख माहरा बिन्त ने अपने पति शेख माना को तीन तलाक दे दिया है। उन्होंने कल इंस्टाग्राम के जरिए, इस बात की जानकारी दी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डालते पर लिखा, "मैं तुम्हें तलाक देती हूं... मैं तुम्हें तलाक देती हूं और मैं तुम्हें तलाक देती हूं... अपना ख्याल रखना....तुम्हारी पूर्व पत्नी।" उन्होंने यहां डिवोर्स का कारण अपने पति का अन्य साथियों के साथ व्यस्त होना बताया। लेकिन, शेख माहरा के ये पोस्ट शेयर करने के बाद डिवोर्स के कारण ने नहीं, बल्कि, इस्लामिक देश में एक महिला के अपने पति को डिवोर्स देने की खबर ने सभी को चौंका दिया। सभी के मन में इस बात को लेकर कई सवाल उठने लगे।
1 साल पहले हुई थी शादी
शेख माहरा की शादी पिछले साल मई में हुई थी और 2 महीने पहले उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया है। निकाह के पांच महीने बाद उन्होंने अपने प्रेग्नेंट होने की खबर सोशल मीडिया पर शेयर की थी।
क्या मुस्लिम महिलाएं दे सकती हैं तीन तलाक?
हम जानते हैं कि इस खबर के सामने आने के बाद सभी के मन में पहला सवाल यही उठा कि क्या मुस्लिम महिलाओं को इस्लाम में 'तीन तलाक' देने का हक है। इस बारे में हमने इस्लामिक स्कॉलर मोहम्मद हमजा मुफ्ती से बात की। उन्होंने बताया, "शरीयत के अनुसार, मुस्लिम धर्म में तलाक सिर्फ पुरुष ही दे सकते हैं। महिलाओं को तलाक देने का हक नहीं है। खुदा ने तलाक का हक सिर्फ मर्दों को दिया है। हां, अगर निकाह से पहले या बाद में बीवी अपने शॉहर से ये लिखवा ले कि वह उसे तलाक का हक देता है, तो फिर महिला तलाक दे सकती है। वरना, शरीयत में महिलाओं को यह हक नहीं है।"
क्या होता है 'तीन तलाक'?
'तीन तलाक' इस्लाम में तलाक का एक तरीका है। इसे तलाक-ए-बिद्दत कहा जाता है। इसके हिसाब से शौहर अपने बीवी को तीन बार तलाक कहकर तलाक दे सकता है। ऐसा करने पर तुरंत तलाक हो जाता है और रिश्ता खत्म हो जाता है। इसके बाद, इसे बदला नहीं जा सकता है। ऐसा मर्द, सामने बोलकर, कॉल पर, मैसेज पर या लेटर लिखकर भी कर सकता है।
क्या भारत में मान्य है 'तीन तलाक'?
भारत में सितंबर 2018 में तीन तलाक को गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया है। इसके अलावा, अन्य कई देशों में भी 'तीन तलाक' गैर-कानूनी है। भारत में 'तीन तलाक' देने पर सजा का प्रावधान है। दुबई में भी यह बैन है और तलाक के लिए कानूनी प्रकिया से गुजरना होता है। यूएई में तलाक की प्रोसेस कोर्ट के जरिए शुरू होती है और कोर्ट से ही फैसला होता है।
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महिलाओं के पास क्या है हक?
बता दें कि अगर कोई मुस्लिम महिला अपने पति से अलग होना चाहे, तो उसके पास तलाक का हक नहीं है। वह 'खुला' ले सकती है। इसके जरिए वह अपने पति से अलग होने का ऐलान करती है। रिपोर्ट्स की मानें तो सानिया मिर्जा ने शोएब से खुला लिया था। वह अपने पति या कानून से तलाक का अनुरोध कर सकती है।
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