क्या रात के समय पीपल के वृक्ष पर होता है आत्माओं का वास? जानें क्या कहता है शास्त्र?

आइए जानें कि क्या सच में रात के समय पीपल के वृक्ष पर आत्माओं का वास होता है? आइए जानें इस बारे में शास्त्र क्या कहता है। 

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कई बार कुछ ऐसी मान्यताएं होती हैं जिनके बारे में हम पूरी तरह से सोच विचार किए बिना ही आगे बढ़ते जाते हैं और उन पर सिर्फ इसलिए भरोसा करते हैं क्योंकि शास्त्रों में इन बातों का जिक्र किया गया होता है। ऐसी ही बातों में से एक बात है कि रात के समय पीपल के पेड़ के नीचे सोना या आराम करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है और ऐसा करने से आप बुरी आत्माओं के प्रकोप में भी आ सकते हैं।

वास्तव में यह बात सच है या नहीं लेकिन इस बात का जिक्र शास्त्रों में भी किया जाता है कि पीपल के वृक्ष के पास रात के समय नहीं जाना चाहिए। ऐसे में इस वृक्ष पर आत्माओं का वास हो सकता है। इस बारे में पता लगाने के लिए हमने Life Coach और Astrologer, Sheetal Shaparia से बात की, उन्होंने हमें कुछ बातें बताईं वो आप भी जानें।

क्या हैं पुरानी मान्यताएं

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पुरानी मान्यताएं कहती हैं कि रात में पीपल के पेड़ के नीचे सोने या आराम करने से कुछ खतरनाक हो सकता है और यह गांवों और ग्रामीण इलाकों में ज्यादा आम बात है। हमें हमेशा बताया जाता है कि पीपल के पेड़ पर भूत रहते हैं और रात में भूत अधिक शक्तिशाली होते हैं। इसलिए, बहुत से लोग किसी भी बुरी गतिविधियों से बचने के लिए रात में पीपल के पेड़ के नीचे आराम नहीं करने की सलाह देते हैं। दरअसल हमने गावों में कुछ अफवाहें भी सुनी हैं कि यदि आप रात में पीपल के पेड़ के नीचे आराम करते हैं तो आत्माएं या नकारात्मक सत्ता आपके पास आ सकती है। हालांकि ये पूरी तरह से अंधविश्वास भी हो सकता है। लेकिन इसके कुछ वैज्ञानिक कारण भी बताए जाते हैं।

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क्या कहता है विज्ञान

इसके वैज्ञानिक कारणों के हिसाब से हम सभी जानते हैं कि पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण करते हैं। इस प्रक्रिया को ऑक्सीजन का एहसास करते हुए कार्बन डाइऑक्साइड लेकर किया जाता है, लेकिन सूरज की रोशनी की अनुपस्थिति के दौरान देर शाम या रात के समय पेड़ जिसमें पीपल का पेड़ मुख्य रूप से शामिल है जो रात के समय हवा में कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है। वास्तव में, हम सभी जानते हैं कि मानव शरीर कैसे काम करता है। हम ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं। यह एक श्वसन प्रक्रिया है जो सभी मनुष्य करते हैं। अब चूंकि पीपल का पेड़ रात में कार्बन डाई ऑक्साइड का निर्वहन करता है और अगर हम रात को पीपल के पेड़ के नीचे सोते हैं या पेड़ के पास जाते हैं तो मानव शरीर को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की मात्रा की कमी महसूस हो सकती है। वास्तव में इसलिए ही ये मान्यता प्रचलित हुई कि रात के समय पीपल के पेड़ के पास ना जाएं।

क्या कहता है शास्त्र

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वेदों में पीपल को पूजनीय कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि इसके मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और अग्रभाग में शिव का वास है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि पीपल की जड़ में विष्णु, तनों में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में श्रीहरि और फलों में सभी देवताओं का वास होता है। शास्त्रों में इसे एक दैवीय पौधा बताया गया है, जिसकी पूजा का विधान है। लेकिन इसमें रात के समय और रविवार के दिन पूजन नहीं किया जाता है क्योंकि उस समय इस पौधे में माता लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी का वास होता है।

पीपल में क्यों चढ़ाया जाता है जल

ज्योतिष में भी पीपल के वृक्ष की बहुत महिमा बताई गयी है। इस पौधे को शनि का पौधा बताया गया है इसलिए शनि से संबंधित समस्यायों से बचने के लिए पीपल के पेड़ में शनिवार के दिन जल चढ़ानाचाहिए।

वास्तविकता चाहे जो भी हो लेकिन यदि आप वैज्ञानिक कारणों को भी ध्यान में रखते हैं तो रात के समय आपको पीपल के वृक्ष के पास नहीं जाना चाहिए। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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Image Credit: freepik

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