एक्सपर्ट टिप्स: रविवार के दिन भूलकर भी न करें पीपल के वृक्ष की पूजा, हो सकता है भारी नुकसान

अगर आप घर की सुख शांति के लिए पीपल के वृक्ष की पूजा करते हैं तो भूलकर भी सप्ताह के एक दिन इस पेड़ की पूजा नहीं करनी चाहिए। जानें इसके कारण। 

peepal tree puja

पीपल के वृक्ष को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है। शास्त्रों में पीपल की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है और ऐसा माना जाता है कि पूजा से चमत्कारी फल प्राप्त होता है। मुख्य रूप से शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाना और दीपक जलाना शुभ माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा किसी भी तरह के पाप से मुक्ति दिलाती है। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की विशेष पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और धन, वैभव, यश, कीर्ति आदि का आगमन भी होता है। लोगों की मान्यता है कि पीपल के पेड़ में शनिदेव का वास होता है। इसलिए शनिदेव को खुश करने के लिए लोग अक्सर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाते हैं।

पीपल में जल चढ़ाने के पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शनि की बुरी दृष्टि से मुक्ति पाते हैं। मान्यता यह भी है कि यदि नियमित रूप से और मुख्य रूप से शनिवार के दिन पीपल की पूजा की जाती है तो पितरों को भी मुक्ति मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सप्ताह में एक ऐसा भी दिन होता है जिस दिन यदि पीपल के पेड़ में जल चढ़ाया जाए या फिर पीपल की पूजा की जाए तो यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है और धन की हानि भी हो सकती है। आइए अयोध्या के जाने माने पंडित राधे शरण शास्त्री जी से जानें कि किस दिन पीपल की पूजा करना आपके लिए दुर्भाग्य का कारण बन सकता है।

रविवार के दिन भूलकर भी न करें पीपल की पूजा

avoid peepal tree puja on sunday

ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन पीपल की पूजा करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति खराब होने के साथ उसे शारीरिक कष्टों का सामना भी करना पड़ता है। दरअसल रविवार को पीपल की पूजा न करने के पीछे एक कथा प्रचलित है। उस पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी और उनकी बहन अलक्ष्मी दोनों ही जब बाहर निकलीं दोनों ने विष्णु जी से प्रार्थना की कि उन्हें भी रहने के लिए कोई स्थान दें। इस पर भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी और उनकी बहन दरिद्रा दोनों को ही पीपल के वृक्ष में वास करने का स्थान दिया। इस तरह से दोनों बहनें पीपल के वृक्ष में निवास करने लगीं। एक बार जब भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी से विवाह का प्रस्ताव रखा तो उन्होंने पहले अपनी बहन अलक्ष्मी के विवाह का आग्रह किया। अलक्ष्मी की इच्छा थी कि उनका विवाह किसी ऐसे व्यक्ति से हो जो पूजा पाठ न करता हो। इसलिए भगवान विष्णु ने दरिद्रा यानी अलक्ष्मी का विवाह एक ऋषि से करा दिया और उसके पति ऋषि को अपने निवास स्थान पीपल में रविवार के दिन निवास करने का स्थान दे दिया। तभी से ऐसा माना जाने लगा कि रविवार के दिन पीपल के पेड़ में अलक्ष्मी का वास होता है और रविवार को पीपल की पूजा करने से अलक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं जिससे घर में दरिद्र आता है।

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ऐसे करें पीपल की पूजा

हर दिन या शनिवार को सूर्योदय से कुछ देर पहले और सूर्यास्त के तुरंत बाद अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए दोनों समय पीपल के पेड़ के पास जाकर पूजा करें। सबसे पहले सरसों के तेल का दीपक जलाएं, फिर हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल चीनी मिलाकर मिठाई का भोग लगाएं। पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं । जल चढ़ाने के बाद जल में थोड़ी सी चीनी या गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं। अब पीपल के वृक्ष की 11 परिक्रमा करें जिससे पितरों की कृपा प्राप्त हो सके।

पीपल में होता है देवताओं का वास

peepal tree worshipping

ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ में देवताओं का वास होता है। पीपल को विश्ववृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव के नाम से भी जाना जाता है। श्रीमद्भागवत गीता में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं, 'मैं पेड़ों में पीपल हूं'। शास्त्रों के अनुसार पीपल की जड़ में ब्रह्मा, तने या मध्य भाग में भगवान विष्णु और पीपल के सामने स्वयं भगवान शिव निवास करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसके फलों में सभी देवताओं का वास होता है। अथर्ववेद और छांदोग्योपनिषद में पीपल के पेड़ के नीचे देवताओं की उपस्थिति का वर्णन है।

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पीपल में जल चढ़ाने के नियम

  • पीपल में सभी देवतागण उपस्थित होते हैं इसलिए इस पूरे पेड़ की पूजा करनी चाहिए। विधिपूर्वक पीपल की पूजा करने और पीपल में जल चढ़ाने से शुभ लाभ की प्राप्ति होती है।
  • अमावस्या और शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे हनुमान चालीसा का पाठ करने से बहुत लाभ मिलता है, शनिवार की रात पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से मनुष्य के जीवन में खुशियां आती हैं।
  • रविवार के दिन पीपल के पेड़ को पानी देना वर्जित माना जाता है। क्योंकि रविवार के दिन उसमें अलक्ष्मी का वास होता है।

इस तरह पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाना और पूजा करना आपको लाभ पहुंचा सकता है। इसलिए आप पूरे मनोयोग से पीपल के पेड़ का पूजन करें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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Image Credit: shutterstock and freepik

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