हर त्योहार का हमारे देश में एक अलग महत्व होता है। दिवाली का त्योहार हमारे देश में प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस त्योहार पर देवी लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा विधि-विधान के साथ होती है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति आती है। घरों में लोग इस पूजा की तैयारी कुछ दिनों पहले ही करने लगते हैं।
इस वर्ष दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दिवाली पर पूजा के लिए कई सारी सामग्री की जरूरत होती है। हम आपको बताएंगे कि आपको कौन-कौन सी सामग्री अपनी लिस्ट में शामिल करनी चाहिए।
दिवाली पर माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा को विधि पूर्वक किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन पूजा करने से लक्ष्मी माता भक्तों के घर में धन की वृद्धि करती हैं और भगवान गणेश ज्ञान देते हैं। दिवाली पर रात में पूजन लोग मुहूर्त के अनुसार पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से लक्ष्मी और गणेश जी अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
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सबसे पहले आपको पूजा के लिए गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति चाहिए होती है। इसके बाद आपके पास आरती के लिए रुई बत्ती और एक पीतल का दीपक भी होना चाहिए। इसके अलावा आपको रोली, सिंदूर, कमल के फूल, मेहंदी, लाल चूड़ी, कैथा,लाल कनेर का फूल यह सभी माता लक्ष्मी के पूजन के लिए जरूरी साम्रगी होती है।
इसके अलावा आपके पास थोड़े कच्चे चावल, सुपारी, पान के पत्ते, आम के पत्ते, गुलाल, गंगाजल, हल्दी, चीनी, हल्दी, दूध, घी, नारियल पानी, सीताफल, लौंग, इलाइची, मिठाई, दो फूलों की मालाएं, केसर, खील-बताशे, खिलौने, जल कलश, लाल या पीले रंग के वस्त्र भगवान पर अर्पित करने के लिए, दीपक जलाने के लिए तिल का तेल, धूप बत्ती, चंदन, पांच प्रकार के मेवे, पांच प्रकार के फल भगवान पर चढ़ाने के लिए, चांदी का सिक्का।
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आपको बता दें कि अमरख, धनिया के बीज और इमली को भी चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसके साथ-साथ सरस्वती माता की फोटो या मूर्ति भी होनी चाहिए क्योंकि उनकी पूजा करना भी दिवाली के दिन बहुत शुभ माना जाता है। उनकी पूजा के लिए सफेद कपड़ा, रोली, सिंदूर, काजल, मेहंदी, कमल के फूल, कच्चे चावल और गंगाजल पूजा से पहले ही एकत्रित कर लेना चाहिए। फिर विधिपूर्वक लक्ष्मी जी, गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
इन सभी साम्रगियों का पूजा में विशेष महत्व होता है। पूजन के लिए इन सभी साम्रगियों को एकत्रित करके आप पूजा को आरंभ कर सकते हैं।
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