हमारे देश में दिवाली का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को है। यह तो हम सब जानते हैं कि भगवान राम जब माता सीता के साथ अयोध्या वापस आए थे तब पूरी अयोध्या नगरी में दीए जलाकर उनका स्वागत किया गया था लेकिन फिर भी हम दिवाली के दिन माता सीता और प्रभु राम की पूजा की जगह गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं अगर आप इसके पीछे का कारण जानना चाहते हैं तो यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें।
दिवाली पर गणेश जी की पूजा का महत्व
आपको बता दें कि दिवाली पर गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। गणेश जी को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। यह तो हम जानते ही है कि किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले गणेश जी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ऐसा भी माना जाता है कि माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को भी माता लक्ष्मी को सौंपा था। आपको बता दें कि दिवाली पर गणेश जी की पूजा के पीछे यह भी एक मुख्य कारण माना जाता है। दिवाली के दिन सभी देवताओं से पहले गणेश जी की पूजा को लोग विधि-विधान के साथ करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति के पास ज्ञान होता है उसी के पास धन भी आता है। इसलिए सबसे पहले गणेश जी का पूजन करके फिर लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। आपको बता दें कि गणेश जी की पूजा करने से सद्बुद्धि के साथ-साथ भविष्य में आगे सही से बढ़ने का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
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क्यों होती है माता लक्ष्मी की पूजा?
दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा करना बहुत फलदायी माना जाता है। आपको बता दें कि माता लक्ष्मी को धन, ऐश्वर्य और वैभव की देवी माना जाता है। दिवाली से पहले शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी का जन्मोत्सव माना जाता है। इसलिए दिवाली के दिन इनकी पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
आपको बता दें कि कार्तिक अमावस्या की इस पावन तिथि पर देवी लक्ष्मी अपने भक्तों पर अगर पूजा से प्रसन्न होती हैं तो वह अपने भक्तों पर समृद्धि और धन की वर्षा करती हैं। आपको बता दें कि ग्रंथों के अनुसार माता लक्ष्मी दिवाली से कुछ दिनों पूर्व शरद पूर्णिमा पर समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से उत्पन्न हुई थी।
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उनके उत्पन्न होने पर सभी देवताओं ने उनका ध्यान किया था। जिस वजह से उनकी पूजा का विशेष महत्व दिवाली के दिन माना जाता है। आपको बता दें कि माता लक्ष्मी की पूजा दिवाली के दिन विष्णु जी के बिना ही की जाती है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन असुर नरकासुर का वध भी हुआ था इसलिए दिवाली पर माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा के बाद कई देवी-देवताओं की पूजा भी करते हैं।
इन सभी कारणों की वजह से माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा दिवाली पर की जाती है।
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