Vaibhav Lakshmi: हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है। मां लक्ष्मी की कृपा जिस पर हो जाए उसका घर हमेशा सुख समृद्धि से भरा रहता है। मां लक्ष्मी को सम्पन्नता का रूप माना जाता है। शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि लक्ष्मी पूजन से न सिर्फ व्यक्ति की धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं बल्कि उसका घर हमेशा धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है और उसके जीवन में कभी भी आर्थिक संकट दस्तक नहीं देता।
शास्त्रों में लक्ष्मी पूजन के कई प्रकार बताए गए हैं। मां लक्ष्मी के 8 रूप हैं और इनके अष्ट रूपों की पूजा विधि भी अलग अलग है। हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, शुक्रवार के दिन और रोजाना में मां लक्ष्मी और उनके रूप वैभव लक्ष्मी दोनों की पूजा होती है लेकिन नियमित लक्ष्मी पूजन और वैभव लक्ष्मी पूजन विधि में काफी अंतर होता है। आज हम आपको इसी विषय से साक्षात्कार कराने जा रहे हैं।
वैभव लक्ष्मी पूजन और लक्ष्मी पूजन विधि में अंतर (Difference Between Vaibhav Lakshmi And Lakshmi Puja Vidhi)
- वैभव लक्ष्मी पूजन में शुक्रवार के दिन व्रत रखना अनिवार्य है जबकि नियमित लक्ष्मी पूजन बिना व्रत के भी किया जा सकता है। वैभव लक्ष्मी पूजा दिन छिपे करने का विधान है जबकि नियमित लक्ष्मी पूजन प्रातः काल की बेला में किया जाता है।

- वैभव लक्ष्मी पूजन में मां लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो को सुनहरे रंग के कपड़े पर रखा जाता है जबकि नियमित लक्ष्मी पूजन में लाल कपड़े का इस्तेमाल होता है। वैभव लक्ष्मी पूजन को गुप्त रूप से करना चाहिए यानी कि परिवार के अलावा और किसी को सम्मिलित नहीं किया जा सकता है जबकि नियमितलक्ष्मी पूजन में परिवार के अलावा आप अन्य किसी को भी शामिल कर सकते हैं।
- वैभव लक्ष्मी पूजन में श्री यंत्र का होना अनिवार्य है क्योंकि श्री यंत्र के बिना वैभव लक्ष्मी की पूजा अपूर्ण मानी जाती है जबकि नियमित लक्ष्मी पूजन में श्री यंत्र (श्री यंत्र की पूजा के खास नियम) की अनिवार्यता नहीं।

- वैभव लक्ष्मी पूजन में मुट्ठी भर चावल के ढेर पर कलश स्थापना का विधान है जबकि नियमित लक्ष्मी पूजन में कलश की स्थापना नहीं होती है। कलश मात्र मां को स्नान कराने के लिए रखा जाता है।
- वैभव लक्ष्मी पूजन में मां को पीले रंग के फूल और फल चढ़ाए जाते हैं जबकि नियमित लक्ष्मी पूजन में लाल पुष्पों और फलों का महत्व है।

- वैभव लक्ष्मी पूजन में मां लक्ष्मी को किसी भी एक आभूषण का दान दिया जाता है। अर्थात मां के सामने कोई भी एक सोने या चांदी का आभूषण अर्पित किया जाता है और उसे बाद में मंदिर में दान देना होता है। वहीं, नियमित लक्ष्मी पूजन में मां को आभूषण अर्पित करने के बाद दोबारा उन आभूषणों को तिजोरी (तिजोरी से जुड़े वास्तु नियम) में रखा जा सकता है।
तो ये था वैभव लक्ष्मी पूजन और नियमित मां लक्ष्मी के पूजन में अंतर। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Freepik, Pixabay
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