कोरोना महामारी और फिर बाद में लॉकडाउन में कई लोगों के रोजगार छीन गए। लाखों लोग बिना किसी काम के महीनों घर बैठे रहे। कई लोग जो घर से बाहर काम कर रहे थे वो घर पर आ गए। इस खाली समय में कुछ अपने लिए अपने आसपास रोजगार खोजा तो कुछ ने घर पर ही कुछ अलग और क्रिएटिव काम करने में लग गए। ऐसे ही पंजाब के एक निवासी हैं जिन्होंने घर पर इस महामारी में खाली समय को बरबाद करने की जगह लकड़ी की साइकिल बना डाली जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। इस साइकिल को उन्होंने खुद ही डिज़ाइन किया और बनाया है। चलिए इस कारीगर और इस साइकिल के बारे में और करीब से जानते हैं।
ये व्यक्ति है पंजाब के जीरकपूर निवासी 'धनीराम सग्गू'। एक मीडिया हाउस से बात करते हुए धनीराम कहते हैं कि 'लॉकडाउन में जब वह घर पर खाली बैठे थे तो अचानक उनको एक दिन ख्याल आया कि क्यों ना साइकिल बनाई जाए जो बिल्कुल अलग और खुद का क्रिएटिव हो'। आगे वो कहते हैं कि 'फिर एक पेज पर मैंने पहले इस साइकिल का डिज़ाइन तैयार किया और फिर इस काम में लग गया'।
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आगे बात करते हुए कहते हैं कि शुरुआत में इसे बनाने में परेशानी हुई थी, लेकिन जैसे-जैसे साइकिल तैयार होती गई वैसे-वैसे लगा कि अब मैं इसे जल्द ही बना लूंगा। वो कहते हैं कि 'साइकिल को बनाने में लगभग मुझे चार महीने लगे'। (मिलिए ‘वायर वुमन’ से) धनीराम ने आगे बताया कि 'इस लॉकडाउन में मेरे पास ना ही कोई काम था, और ना ही खाने-पीने के लिए पैसा , हां! मेरे पास लकड़ी थी जिसे देख का मुझे ध्यान आया कि क्यों ना इसी लकड़ी से कुछ ऐसा तैयार किया जाएं जिसे सभी पसंद करे'।
पंजाब: ज़िरकपुर निवासी धनीराम ने लकड़ी की साइकिलें बनाईं। धनीराम ने बताया, "लॉकडाउन में खाली था तो मेरे मन में एक डिज़ाइन आया जिसे मैंने पेपर पर उतारा और खुद ये साइकिल तैयार की। पहले प्लाई से बनाई उसमें थोड़ी कमियां रह गईं फिर चार महीनों के बाद एक अच्छी साइकिल तैयार हुई।" pic.twitter.com/ER3XZHlPBb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 6, 2020
धनीराम मीडिया से बात करते हुए कहते हैं कि 'अभी तक आठ साइकिल को मैं बेच चूका हूं, और अभी कई साइकिलों पर काम कर रहा हूं'। आगे वो कहते हैं कि 'इस साइकिल के लिए मुझे साउथ अफ्रीका से लेकर कनाड़ा तक और देश में जालंधर से लेकर दिल्ली तक से ऑर्डर आ रहे हैं'। (चायवाले की बेटी बन गई IAF पायलट)
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इस साइकिल को इंटरनेट पर खूब पसंद किया जा रहा। इंटरनेट पर कई लोग इसका कीमत और वजन के बारे में भी पूछ रहे हैं। वैसे बताया जा रहा है कि इस साइकिल की कीमत पंद्रह हज़ार के आसपास है और इसकी वजन लगभग बीस किलो के आसपास है। धनीराम का कहना है कि 'इसे मैं और भी एडवांस और बेहतर बना रहा हूं'। (पहली महिला एंबुलेंस ड्राइवर एम वीरलक्ष्मी)
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Image Credit:(@ani hindi news)
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