पंडित जी से जानें किस मोती की माला के जाप से मिलता है क्‍या फल

जानें हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान किस मोती से बनी माला का कब करना चाहिए प्रयोग और उसके क्‍या होते हैं फल। 

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हिंदू धर्म में पूजा और पाठ को बहुत अधिक महत्‍व दिया गया है। जब बात पूजा-पाठ की आती है तो हर देवी-देवता की पूजा में अलग-अलग मंत्रों के जाप का महत्‍व बताया गया है। इन मंत्रों का जाप भी ऐसे ही नहीं किया जाता है बल्कि इसके लिए विभिन्‍न प्रकार की मालाओं का प्रयोग किया जाता है। आपको बता दें कि अलग-अलग देवी-देवताओं और पूजा-पाठ में अलग-अलग तरह की मालाओं का प्रयोग किया जाता है।

इस बारे में उज्‍जैन के पंडित कैलाश नारायण बताते हैं, 'देवी-देवताओं को प्रसन्‍न करने के लिए पूजा-पाठ सही विधि से करना बहुत जरूरी होता है। खासतौर पर जब मंत्रों का उच्‍चारण किया जाता है तब मन की एकाग्रता बहुत जरूरी होती है। मन को शांत और एकाग्र बनाए रखने के लिए विशेष मालाओं का प्रयोग किया जाता है। हर देवी-देवता से जुड़ी एक अलग माला होती है और हर माला का अलग महत्‍व होता है।'

इतना ही नहीं, पंडित जी यह भी बताते हैं कि किस माला के जाप से क्‍या फल प्राप्‍त होता है-

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रुद्राक्ष की माला

हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत महत्‍व दिया गया है। रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रिय मोती भी कहा गया है। भगवान शिव इस मोती की माला को धारण भी करते हैं। ऐसे में भगवान शिव की उपासना और उनके मंत्रों के जाप के लिए रुद्राक्ष के मोती की माला का प्रयोग करना बहुत अच्‍छा माना गया है। पंडित जी कहते हैं, 'देवी लक्ष्‍मी भी भगवान शिव को अपना आराध्‍य मानती थीं। इसलिए यदि 27 रूद्राक्ष वाली माला से लक्ष्‍मी जी के मंत्रों का जाप किया जाए तो धन लाभ होता है।'

चंदन के मोतियों की माला

चंदन के मोती देवी लक्ष्‍मी को अधिक प्रिय हैं। यदि आप आर्थिक संकटों से गुजर रहे हैं तो लक्ष्‍मी जी के महा यंत्र के मंत्रों का जाप करें और उसके लिए चंदन के मातियों से बनी माला का प्रयोग करें। इस बात का ध्‍यान रखें कि माला लाल चंदन के मोतियों से बनी हुई हो। चंदन के मोतियों से भगवान विष्‍णु के मंत्रों का जाप भी किया जा सकता है। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी आर्थिक दशा में काफी सुधार होगा।

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स्‍फटिक की माला

अगर आप मां अम्‍बे के उपासक हैं तो आपको उनके मंत्रों का जाप स्‍फटिक की माला से करना चाहिए। इसे बहुत ही शुभ माना गया है। यदि आपको आर्थिक समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है तो आप शुक्रवार या बुधवार के दिन स्‍फटिक की माला को धारण भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं, मां लक्ष्‍मी के किसी भी सिद्ध मंत्र का 108 बार जाप करने के लिए भी स्‍फटिक की माला को अच्‍छा माना गया है।

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सफेद मोती की माला

यदि आपकी कुंडली में चंद्र दोष है राशि पर चंद्रमा भारी है तो उपाय स्‍वरूप चंद्रमा के मंत्रों का जाप करना चाहिए और इसके लिए सफेद मोतियों की माला का प्रयोग होना चाहिए। वैसे यदि आपको ज्‍यादा क्रोध आता है तो भी आप मोती की माला पहन सके हैं क्‍योंकि यह दिमाग को ठंडा रखती है।

मूंगे की माला

पंडित जी बताते हैं, 'मूंगे की माला से सुख और समृद्धि आती है। इतना ही नहीं, इससे धन की वर्षा होती है। यदि कोई लंबे वक्‍त से किसी बीमारी से जूझ रहा है तो उसे मूंगे की माला धारण करनी चाहिए। इससे बीमारी दूर हो जाती है।' इन सब के अलावा यदि कुंडली में मंगल दोष है तो उसे शांत करने के लिए मंगल ग्रह के मंत्रों का जाप मूंगे की माला से ही करना चाहिए।

तुलसी की माला

तुलसी भगवान विष्‍णु को अति प्रिय है। यदि आप भगवान विष्‍णु को प्रसन्‍न करना चाहते हैं तो आपको तुलसी के मोतियों से बनी माला के प्रयोग से विष्‍णु मंत्रों का उच्‍चारण करना चाहिए। इस माला को धारण भी किया जा सकता है। खासतौर पर यदि आपको किसी भी प्रकार की बीमारी है तो आपको तुलसी की माला जरूर धारण करनी चाहिए, ऐसा करने से बीमारी दूर हो जाती है।

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Image Credit: Freepik

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