इस साल चैत्र नवरात्रि का आरंभ 22 मार्च से हो रहा है और इन दिनों में माता दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दौरान वास्तु और ज्योतिष के नियमों का पालन करता है उसके घर में सदैव समृद्धि बनी रहती है। नवरात्रि के दिनों में भक्त अपने घर में कलश की स्थापना करते हैं और अखंड ज्योति जलाते हैं। मान्यता है कि यह ज्योति आपके घर की खुशहाली की ओर संकेत करती है।
अखंड ज्योति से तात्पर्य होता है बिना खंडित हुए प्रज्वलित रहने वाली ज्योति। इसलिए इसे यदि आप घर में प्रज्ज्वलित करती हैं तो आपको इसके नियमों का पालन करना चाहिए और इसे सुरक्षित बनाए रखें चाहिए।
इस ज्योति को प्रज्वलित करने के कुछ वास्तु नियम भी बनाए गए हैं जिनका पालन करने से आपके घर में समस्याओं का अंत होता है। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें चैत्र नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति रखने के वास्तु नियमों के बारे में।
नवरात्रि में क्यों रखी जाती है अखंड ज्योति
नवरात्रि में प्रज्वलित होने वाली अखंड ज्योति घर की खुशहाली के संकेत देती है। इस ज्योति से कई मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इसकी ज्योति से जो रोशनी निकलती है वो घर के लोगों के मन में सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। अगर हम अखंड ज्योति प्रज्वलित करके कलश की स्थापना करते हैं तो ये आने वाले जीवन के लिए शुभ संकेत देती है।
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वास्तु के अनुसार किसी दिशा में रखें अखंड ज्योति (Vastu Tips for Akhand Jyoti 2023)
यदि आप वास्तु की मानें तो अखंड ज्योति का संबंध अग्नि से होता है इसलिए इसे स्थापित करते समय दिशा का ध्यान जरूर रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इसकी स्थापना आग्नेय कोण में करना सबसे अच्छा होता है।
यह दक्षिण-पूर्व दिशा होती है और इसमें ज्योति प्रज्वलित करने से आपको शुभ लाभ मिल सकते हैं और पूजा का पूर्ण अल भी मिलता है। अखंड ज्योति इस प्रकार रखें कि पूजा करते समय इसका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की और होना चाहिए।
किस स्थान पर रखें अखंड ज्योति
आपको हमेशा उसी जगह पर अखंड ज्योति रखनी चाहिए जहां माता की मूर्ति या कलश की स्थापना की गई हो। अखंड ज्योति कलश के पास हमेशा जलती रखनी चाहिए। इसका खंडित होना शुभ नहीं माना जाता है। ध्यान रखें कि यह ज्योति कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ न रखें इसे यम की दिशा माना जाता है और पूजा से जुड़े कोई काम इस दिशा में न करने की सलाह दी जाती है।
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कैसी होनी चाहिए अखंड ज्योति
अखंड ज्योति हमेशा ऐसी हो कि आप इसकी गर्माहट का अनुभव कर सकें और इसकी लौ हमेशा सुनहरी जलनि चाहिए। अखंड ज्योति रखते समय आपको पहले कुछ अक्षत रखने चाहिए फिर इसके ऊपर कुमकुम डालना चाहिए और फिर अखंड ज्योति की स्थापना करनी चाहिए।
अखंड ज्योति को हमेशा माता दुर्गा की तस्वीर के दाहिनी तरफ रखना चाहिए। अगर आप इसके लिए घी का इस्तेमाल करती हैं तो सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है, लेकिन आप तिल के तेल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। अखंड ज्योति की बत्ती हमेशा मौली की बनानी चाहिए और इसे बीच -बीच में बढ़ाते रहना चाहिए।
इन नियमों का करें पालन
यदि आप घर में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित करती हैं तो आपको घर को कभी भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए। घर के किसी न किसी सदस्य को दिन और रात ज्योति का ख्याल रखना चाहिए जिससे ये बुझे न।
हमेशा स्नान करके ही ज्योति का स्पर्श करें। अखंड ज्योति के साथ सुबह-शाम माता की आरती जरूर करें। अगर आप घर में अखंड ज्योति प्रज्वलित कर रही हैं तो भूलकर भी घर का कोई सदस्य मांस मदिरा और लहसुन प्याज का सेवन न करें। यदि आप ज्योति प्रज्वलित करने के साथ नौ दिनों का उपवास भी करती हैं तो ये विशेष रूप से फलदायी होगा।
यदि आप चैत्र नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति प्रज्वलित करने के लिए यहां बताए वास्तु नियमों का पालन करेंगी तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहेगी और सुख समृद्धि आएगी।
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