साहस, वीरता, धैर्य और बलिदान ये वे अमर गुण हैं जो हमारे भारतीय सशस्त्र बलों की गौरवशाली पहचान हैं। अपनी जान हथेली पर रखकर, हर पल देश की सुरक्षा में तैनात इन रणबांकुरों के अदम्य साहस और निस्वार्थ सेवा को सलाम करने के लिए, दैनिक जागरण ने भारत रक्षा पर्व 2025 की एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पहल की घोषणा की है।
यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की ओर से उन जांबाज़ सैनिकों के प्रति प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक अनूठा अवसर है, जिन्होंने भारत माता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया है। रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार की भावना से ओत-प्रोत यह पर्व, देश के कोने-कोने में रहने वाले नागरिकों को अपने वीर जवानों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने का मौका देगा।
भारत रक्षा पर्व 2025 का मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों की अद्भुत वीरता, उनके अद्वितीय अनुशासन और उनकी निस्वार्थ सेवा का सम्मान करना है। यह अभियान हमें याद दिलाएगा कि कैसे हमारे सैनिक विषम परिस्थितियों में भी अडिग खड़े रहते हैं, चाहे वह बर्फीले सियाचिन की सर्द हवाएं हों, रेगिस्तान की तपती धूप हो या फिर घने जंगलों का बीहड़ इलाका। वे हर चुनौती का सामना दृढ़ता और साहस के साथ करते हैं, ताकि हम अपने घरों में सुरक्षित और शांतिपूर्ण जीवन जी सकें।
इस पहल के माध्यम से, दैनिक जागरण का लक्ष्य देशवासियों के मन में सैनिकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता की भावना को और भी गहरा करना है। यह पर्व हमें यह समझने में मदद करेगा कि हमारी स्वतंत्रता और सुरक्षा उन्हीं के बलिदानों का परिणाम है। जब हम अपने त्योहार मनाते हैं, जब हम अपने परिवार के साथ सुरक्षित महसूस करते हैं, तो इसके पीछे हमारे सैनिकों की चौबीसों घंटे की निगरानी और उनका अटूट समर्पण होता है।
जब पूरा देश रक्षा बंधन का पावन पर्व मना रहा होता है, तब भी हमारे देश के सुरक्षा बल अपने परिवारों से दूर, सीमा पर डटकर हमारी रक्षा में लगे होते हैं, ताकि हम सब यह त्योहार शांति और उल्लास से मना सकें।
दैनिक जागरण का भारत रक्षा पर्व (BRP) अभियान इसी भावना को समर्पित है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि देश की अधिक से अधिक बेटियां और महिलाएं इन वीर जवानों को राखियां भेजकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता और स्नेह व्यक्त करें। बीआरपी का लक्ष्य हमारे सैनिकों को यह महसूस कराना है कि वे अकेले नहीं हैं, बल्कि पूरा देश उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
इस पहल के तहत, स्कूली और कॉलेज की छात्राएं स्वयं अपने हाथों से राखियां बनाती हैं और उन्हें सैनिकों तक पहुँचाती हैं। वे केवल राखियाँ ही नहीं, बल्कि स्नेह भरे पत्र भी लिखती हैं, जिनमें वे अपनी भावनाएं
और सम्मान व्यक्त करती हैं। इस अभियान के अंतर्गत, स्कूलों में रैलियाँ आयोजित की जाती हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाते हैं, जो सैनिकों के बलिदान और समर्पण को याद करते हैं।
यह अभियान स्कूली और कॉलेज की छात्राओं को सैनिकों के लिए राखियां बनाने और भेजने के लिए प्रेरित करता है. इसके अलावा, छात्राएं सैनिकों के प्रति अपना स्नेह व्यक्त करने के लिए पत्र भी लिखती हैं। इस दौरान स्कूलों में रैलियां आयोजित की जाती हैं और 'भारत रक्षा पर्व' के तहत कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं।
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Image Credit - @DainikJagran
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