बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुजा कई दशकों से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। वो अपनी काबिलियत के लिए जानी जाती हैं और उनका चुलबुलापन फिल्मों में दिखता था। 23 सितंबर 1943 को पैदा हुई तनुजा 2020 में 77 साल की हो जाएंगी। 'रात अकेली है, बुझ गए दिए' जैसे गाने में आपने तनुजा को सिडक्टिव अवतार में भी देखा होगा और देव आनंद के गाने 'ये दिल न होता बेचारा' में तनुजा को गुस्सा दिखाते भी देखा होगा। तनुजा की निजी जिंदगी के बारे में आज हम आपको कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। तनुजा ने किस तरह से फिल्म इंडस्ट्री में अपना मुकाम बनाया है।
तनुजा अपने जमाने की फायरब्रांड एक्ट्रेस शोभना समर्थ की बेटी थीं। तनुजा चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थीं और जब वो छोटी थीं तभी से उन्हें मां की कुछ खास बातें याद हैं। तनुजा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें याद है कैसे उनकी मां लाल नेलपॉलिश और लाल लिपस्टिक लगाती थी। उनका ओवल चेहरा बहुत परफेक्ट था। उनका मस्कारा, उनकी बैकलेस चेली और खूबसूरती। तनुजा को लगता है कि वो कभी भी मां जैसी खूबसूरत नहीं हो पाईं।
तनुजा ने बताया था कि जब तक उनकी बहन नूतन ने अपना डेब्यू नहीं किया था वो फिल्म सेट पर नहीं जा सकती थीं। नूतन की फिल्म 'हमारी बेटी' में तनुजा ने एक छोटा सा किरदार भी निभाया था जिसमें उन्होंने छोटी नूतन का रोल निभाया था।
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तनुजा को परिवार की माली हालत की वजह से 16 साल की उम्र में ही डेब्यू करना पड़ा था।
उस समय वो स्वित्जरलैंड के सेंट जॉर्ज स्कूल में पढ़ती थीं। तनुजा की पढ़ाई पहले पंचघनी के सेंट जोसफ बोर्डिंग स्कूल में हुई थी और उसके बाद उन्हें उनकी मां ने इसलिए स्वित्जरलैंड भेज दिया था क्योंकि तनुजा को भाषाओं का बहुत शौक था। वहीं टाइगर पटौदी (मंसूर अली खान पटौदी) की बहन साबिहा पटौदी से तनुजा की दोस्ती हुई।
हालांकि, तनुजा के घर की माली हालत ठीक नहीं रही और उन्हें घर वापस आना पड़ा। मां ने उन्हें कहा कि या तो वो इसका दुख मना सकती हैं या फिर हिंदी सिनेमा में काम कर सकती हैं और तनुजा ने हिंदी फिल्मों को चुनां। 16 साल की उम्र में 1960 में उनकी पहली फिल्म 'छबीली' रिलीज हुई। इसके बाद 1962 में 'मेमदीदी'। तनुजा ने कई बंगाली फिल्में भी की हैं। तनुजा के हिसाब से बंगाली फिल्में उन्हें ज्यादा संतुष्टि देती थीं।
शोमू मुखर्जी से तनुजा की मुलाकात फिल्म 'एक बार मुस्कुरा दो' के सेट पर हुई थी। ये कोई फिल्मी स्टोरी नहीं थी। दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगा और दोनों साथ में कुछ समय बिताने लगे। तनुजा और शोमू मुखर्जी ने डेटिंग शुरू करने के कुछ ही समय के अंदर शादी कर ली। 1973 में इन दोनों की शादी हुई और दो बेटियों काजोल और तनीषा का जन्म हुआ।
पर तनुजा और शोमू मुखर्जी के बीच सब ठीक नहीं चल रहा था। तनीषा मुखर्जी के जन्म के कुछ ही दिनों बाद दोनों अलग हो गए। एक इंटरव्यू में तनुजा ने कहा था कि शोमू और वो एक दूसरे के लिए बने ही नहीं थे।
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तनुजा की तुलना हमेशा नूतन और शोभना समर्थ से होती रही, लेकिन तनुजा की अपनी पहचान भी बहुत खास थी। उनकी फिल्में बहुत ही यादगार रही हैं।
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