Apeksha Niranjan Success Story: बचपन में टीवी सीरियल से ली थी प्रेरणा, बच्चे को संभालने के साथ भरतनाट्यम की करती थी प्रैक्टिस.. आज विदेशों में भी है उनका नाम

मिलिए अपेक्षा निरंजन से जिन्होंने जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव को झेलते हुए अपनी शास्त्रीय नृत्य से सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपनी पहचान बनाई है। 

Apeksha Niranjan motivational Story in hindi

हिंदी में एक दोहा है- 'करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान। रसरी आवत-जात ते सिल पर परत निशान॥' इसका अर्थ है कि जिस प्रकार कुंए के पत्थर पर भी बार-बार रस्सी के आने-जाने की रगड़ से निशान बन जाते हैं, उसी प्रकार लगातार अभ्यास से कोई भी व्यक्ति किसी काम में महारत हासिल कर सकता है। अंग्रेजी में भी एक कहावत है- प्रैक्टिस मेक्स द मैन परफेक्ट। यानी जो अभ्यास करते हैं, वह जीवन में मुकाम भी अवश्य हासिल करते हैं। ऐसी ही, एक उदाहरण महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहने वाली अपेक्षा निरंजन हैं, जिन्होंने अपने प्रयास से भरतनाट्यम जैसी नृत्य शैली को निखारा है। बचपन में टीवी देख-देख कर घर में ही थिरकने वाली अपेक्षा आज भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपना परचम लहरा रही हैं। इसके लिए उन्होंने दिन-रात मेहनत की है। एक बेटी और एक बीवी होने के अलावा, अपेक्षा ने एक मां होने का फर्ज निभाते हुए करियर में नाम कमाया है। इसी के साथ चलिए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं कि कैसे वह निजी जीवन में परेशानियों के साथ भरतनाट्यम में यहां तक पहुंची हैं।

नृत्य के प्रति जुनून कैसे बढ़ा और कहां से मिली प्रेरणा?

apeksha success story

अपेक्षा इस प्रश्न का जवाब देते हुए कहती हैं कि मुझे बचपन से ही शास्त्रीय नृत्य मे रुचि थी। मैं टीवी शो को देख-देख कर शास्त्रीय नृत्य के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करती थी। फिर, मेरे माता-पिता को मेरे शौक के बारे में पता चला, तो उन्होंने मुझे कथक क्लास मे एडमिशन करा दिया। कथक सीखने के साथ मेरा झुकाव अचानक भरतनाट्यम की ओर बढ़ा। धीरे-धीरे मुझे इसमें आनंद आने लगा और मुझे इसी नृत्य में कुछ नया करने और आगे बढ़ने की ईच्छा हुई।

समाज के लिए क्या करना चाहती हैं

इस प्रश्न का जवाब देते हुए अपेक्षा ने कहा कि मुझे भरतरनाट्यम जैसी सुंदर कला को हर जगह फैलाना है। मैं चाहती हूं कि यह पूरी दुनिया तक पहुंच सके। भाव, राग और ताल से निपुण इस कला को मुझे गांव से लेकर दूसरे देशों में भी पहुंचना है। मैं चाहती हूं कि बच्चों को फ्री में भी इस शास्त्रीय नृत्य को सिखा सकूं।

अपेक्षा की जिंदगी में क्या रही चुनौती?

भरतनाट्यम डांसर अपेक्षा ने अपनी चुनौती के बारे में बताते हुए कहा कि जब मैं शादी के बाद मुंबई आई तो मुझे डांस क्लास के बारे में कुछ नहीं पता था। मैं और मेरे पति दोनों मिलकर डांस क्लास सर्च करते थे। इसी बीच मेरा एक बेबी हुआ, चूंकि मैं और मेरे पति अकेले रहते थे। इस दौरान बच्चे को भी खुद ही संभालना होता था। इसके साथ डांस क्लास करना, परफॉर्मेंस के लिए प्रैक्टिस करना और स्टेज परफॉर्मेंस भी देना होता था। यह सब मेरे लिए किसी चुनौती से कम नहीं थी। हालांकि, यह हर महिलाओं के लिए चैलेंज होता है।

पोलैंड में कैसे बनाई अपनी पहचान?

apeksha success story in hindi

पोलैंड में उनका आए दिन परफॉर्मेंस होती रहती है। इसी बीच अपेक्षा ने अपनी जिंदगी के यादगार किस्से के बारे में बताते हुए कहा कि मैने पोलैंड में ग्रेगोरियन चैंट्स के धुन पर परफॉर्म किया था। यह देख कर लोग काफी भावुक हुए और बेहद खुश भी हुए। कुछ लोगों ने मुझे परफॉर्मेंस के बाद कहा भी कि आपको देखकर मुझे मेरी मां की याद आ गई, तो ये किस्सा मेरे जीवन का बहुत अहम था। क्योंकि यह मेरे लिए एक नई कोशिश थी, जिसकी सराहना भी की गई।

इसे भी पढ़ें-बिजनेस में हुआ नुकसान फिर भी हार न मानी.. खुद के बलबूते हासिल किया बड़ा मुकाम, कुछ ऐसी है इनकी कहानी

अपेक्षा अभी क्या कर रही हैं?

आज अपेक्षा न सिर्फ एक परफॉर्मर हैं बल्कि एक टीचर भी हैं। और वह अपने विद्यार्थियों को समान मूल्य सिखाना अपनी ज़िम्मेदारी मानती हैं। आज वह एक प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना, शिक्षिका, कोरियोग्राफर और मराठी फिल्म अभिनेत्री भी हैं। पोलैंड वालों के लिए वह ऑनलाइन क्लास भी लेती हैं। खुद के इंस्टिट्यूट में भी फाइनेंशियल वीक लोगों को फ्री में सिखाती हैं। वह विभिन्न देशों में नृत्य भी सिखाती हैं और अब तक वैश्विक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी हैं।

इसे भी पढ़ें-पापा की थी छोटी सी दुकान, बेटी ने खड़ी की करोड़ों की कंपनी.. कुछ ऐसी है प्रेरणा कालरा की कहानी

समाज को भारतीय कला सीखने का देती हैं संदेश

bharatnatyam dancer apeksha niranjan success story

रीडर्स को मैसेज देते हुए अपेक्षा ने कहा कि आपको भी अपने बच्चे के बारे में जानना चाहिए। उनकी रुचि के बारे में जानिए और अगर बच्चे में कला सीखने की चाह है, तो आप उन्हें सपोर्ट करें। इसके अलावा, अगर आप लोग भी भारतीय कला और संस्कृति में रुचि रखती हैं और कुछ सीखना चाहती हैं, तो आप किसी भी उम्र में सीख सकती हैं। कला के लिए कोई उम्र सीमा तय नहीं की गई है।

इसे भी पढ़ें-कठिन मेहनत से तनुश्री बियानी ने फैशन इंडस्ट्री में बनाया मुकाम, आज हैं टॉप-सेलिंग फुटफियर ब्रांड की मालकिन

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें

Image credit- Apeksha Niranjan

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP