यूएसए बेस्ड एक ऑथर पॉल स्टिलमैन ने एक स्टडी में इस बात को साबित करने का प्रयास किया है कि कभी-कभी सेल्फिश होना भी बहुत अच्छा होता है। उन्होंने कहा है, ‘कभी-कभी सेल्फिश होकर जब आप कोई निर्णय लेते हैं, जो आपको लाभ पहुंचा सकता है, वह कहीं न कहीं दूसरों को भी लाभ पहुंचाता है।’ देखा जाए तो महिलाओं के केस में पॉल स्टिलमैन की थ्योरी बहुत सटीक बैठती है।
दरअसल, महिलाएं हमेशा ही अपने से पहले अपने परिवार के बारे में सोचती हैं। परिवार की जिम्मेदारी पूरी करने के चक्कर में वह अपने लिए वक्त नहीं निकाल पातीं। ऐसे में कई बार वह अवसाद की शिकार भी हो जाती हैं। उनका स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो जाता है। यह स्वभाव कभी-कभी दूसरों को भी परेशान करता है। इसलिए महिलाओं को कभी-कभी सेल्फिश होना चाहिए। चलिए हम आपको बताते हैं कि आपके सेल्फिश होने पर आपको और आप से जुड़े लोगों को क्या–क्या लाभ हो सकते हैं।
खुद के लिए निकाल सकती हैं वक्त
सेल्फिश होने का सबसे बड़ा फायदा है कि आप अपने लिए कुछ वक्त निकल पाएंगी। अपने लिए वक्त निकाल पाना महिलाओं के लिए आज की जीवनशौली में बहुत मुश्किल होता है। घर और दफ्तर की जिम्मेदारियों में बंधी महिलाएं ऐसा कर पाने में सफल नहीं हों पाती। अगर आप भी खुद के लिए ‘मी टाइम’ तलाश रहीं हैं तो सबसे पहले थोड़ा सेल्फिश हो जाएं और केवल अपने बारे में सोचें। वो काम करें जिसे करने में आपको खुशी मिलती है। ऐसा करने से आपका मानसिक तनाव कम होगा।
खुद को कर सकेंगी सपोर्ट
सेल्फिश होने का एक अच्छा कारण यह भी है कि आप खुद को सपोर्ट कर सकती हैं। ऐसा कई बार होता है कि लोग अपने साथ हुए गलत काम के लिए आपको ब्लेम करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में कई बार महिलाएं खुद को ही दोषी मानकर चुपचाप लोगों की बातें सुन लेती हैं। मगर, यह गलत है। अगर आप थोड़ा सेल्फिश हो जाएंगी तो आप खुद को सपोर्ट कर सकेंगी। इस बात ऐसे भी समझा जा सकता है, ‘ईश्वर उसी की मदद करता है जो खुद भी अपनी मदद करता है।’
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फिजिकली और इमोशनली रहेंगी फिट
पूरे टाइम दूसरों के बारे में सोचने पर एक वक्त ऐसा आता है जब लोग भी यही समझने लगते हैं कि आपकी जिम्मेदारी है कि आप बस दूसरों के लिए ही सोचें। मगर आप सेल्फिश हो जाएंगी तो इस तरह की एक्सपेक्टेशन आपसे कोई नहीं करेगा। इससे आप फिजिकली और इमोशनली दोनों ही तरह से सेहतमंद रहेंगी क्योंकि आप खुद पर दूसरों की एक्सपेक्टेशन का बोझ नहीं लाद रही होंगी।
लाइफ हो जाएगी बैलेंस
जाहिर है हर वक्त दूसरों के लिए सोचना आपकी लाइफ को डिसबैलेंस कर देता है। क्योंकि जब आप हमेशा दूसरों को खुश रखने में लगी रहती हैं तब आप अपनी खुशियों को नजर अंदाज करती हैं। ऐसा लगतार होने पर जाहिर है कि कभी न कभी आपको यह बातें खलने लगती हैं। ऐसे में लाइफ असंतुलित सी लगने लगती है। अगर आप थोड़ा सेल्फिश हो जाएं और दूसरों की खुशी के साथ ही अपनी खुशी की तलाश भी करें तो शायद आपकी लाइफ हमेशा बैलेंस रहेगी।
दूसरों को ब्लेम करना हो जाएगा बंद
जब आप मानसिक तौर पर तनाव में रहती हैं तो अपने साथ हो रहे हर गलत काम के लिए दूसरों को दोषी ठहराती हैं। ऐसे में रिश्ते बिगड़ते हैं और घर में कलह होती है। आप इससे बच सकती हैं मगर इसके लिए आपको सेल्फिश होना पड़ेगा। जी हां, अगर आप अपने स्वभाव में थोड़ा सेल्फिश टच ले आएंगी तो आप फिर यह नहीं कह सकतीं कि आपका कोई काम किसी और की वजह से बिगड़ा है। अपने हर बिगड़े काम की जिम्मेदारी आप खुद लेना शुरू कर देंगी और इससे आपके रिश्ते भी सुधर जाएंगे।
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