Parenting Tips:बिना किसी परवाह और तनाव के गली-नुक्कड़ में खेलते बच्चे काफी प्यारे लगते हैं। हालांकि जब बात अपने बच्चों की हो तो हम सभी चाहते हैं कि बच्चे खेलना कम करके पढ़ाई पर ध्यान दें।
एम.एस धोनी फिल्म में इस्तेमाल हुआ डायलॉग तो आपको याद ही होगा कि "पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब और खेलोगे-कूदोगे तो हो जाओगे खराब।" परंतु आगे फिल्म में कुछ अलग ही होता नजर आया था। धोनी ने खेल के दम पर ना सिर्फ रांची बल्कि पूरे भारत का सीना गर्व से चौड़ा कर दिखाया था।
पढ़ाई जरूरी है इसमें कोई दोहराए नहीं लेकिन खेलना-कूदना भी जरूरी है। इस आर्टिकल में हम आपको खेलने के कुछ ऐसे फायदों को बारे में बताएंगे जिन्हें आपको जरूर जानना चाहिए।
खुद को प्रस्तुत करने का मौका
खेल के माध्यम से हम खुद को प्रस्तुत कर सकते हैं। पढ़ाई में अच्छे ना होने के बावजूद भी हम खुद को और अपने अध्यापकों को अपनी काबिलियत के बारे में बता सकते हैं। इसके साथ-साथ जो बच्चे खेल में अच्छा परफॉर्म करते हैं उन्हें प्रतियोगिताओं में भाग लेने और जीतने का भी मौका मिलता है।
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कॉलेज एडमिशन में मिलती है मदद
भारत के ढेर सारे विश्वविद्यालयों में स्पोर्ट्स कोटा मौजूद है। ऐसे में जिन बच्चों के पास स्पोर्ट्स से जुड़े सर्टिफिकेट होते हैं उन्हें कुछ प्रतिशत कम मार्कस के साथ भी एडमिशन मिल जाता है। उदाहरण के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय में भी स्पोर्ट्स कोटा के तहत एडिमिशन दिया जाता है। ऐसे में जिन बच्चों ने पहले से स्पोर्ट्स में भाग लिया होता है और सर्टिफिकेट होते हैं, उन्हें कम अंकों के साथ स्पोर्ट्स कोटा के तहत एडमिशन मिल जाता है।
आत्मविश्वास में होती है वृद्धि
किसी भी तरह के खेल के साथ जुड़ने पर आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। हम नए लोगों से मिलते हैं जिससे हिचक काफी कम होती है। फिर हम किसी भी व्यक्ति के सामने अपनी बात रखने से घबराते नहीं है।
अच्छा प्रदर्शन करने पर खास मौका
अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रतियोगिता की वजह से पूरे भारत के अलग-अलग राज्यों का दौरा करने का खास मौका मिलता है। साथ ही राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने वाले बच्चों को पूरे देश के लिए खेलने का भी अवसर मिलता है।
रोजगार का अवसर
हर देश में ढेर सारे खेलों की अलग-अलग टीम होती हैं। ऐसे में इन टीमों का हिस्सा बनकर आप खेल को रोजगार के अवसर के रूप में भी देख सकते हैं। खेल के साथ-साथ स्कूल में स्पोर्ट्स के अध्यापक जैसे भी कई अवसर मौजूद हैं।
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तो ये थे कुछ बिंदु जिन्हें जानने के बाद शायद ही कोई खेलने-कूदने को बेकार बताए। अगर आप ऐसे ही किसी और विषय से जुड़ी जानकारी लेना चाहते हैं तो इस आर्टिकल के कमेंट सेक्शन में सवाल जरूर करें।
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