जब भी प्लांट केयर की बात होती है तो धूप व खाद के अलावा पानी प्लांट के लिए सबसे जरूरी माना जाता है। पानी के कारण ना केवल मिट्टी की नमी बनी रहती है, बल्कि इससे प्लांट की बेहतर ग्रोथ भी होती है। आमतौर पर, यह देखने में आता है कि अपने प्लांट की केयर करते हुए हम नल के पानी का इस्तेमाल करते हैं। इसमें कोई समस्या नहीं है। लेकिन अगर आप डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपको अतिरिक्त लाभ मिलता है।
डिस्टिल्ड वाटर को डिस्टिलेशन प्रोसेस के लिए प्यूरिफाई किया जाता है, जिसके कारण इसे अधिकतर प्लांट्स के लिए सुरक्षित माना जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करने से मिट्टी में हानिकारक पदार्थ जैसे क्लोरिन या केमिकल आदि के इकठ्ठा होने का खतरा नहीं रहता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको प्लांट के लिए डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करने के कुछ फायदों के बारे में बता रहे हैं-
होता है साफ
डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करने का एक फायदा यह भी है कि यह नल के पानी की तरह अशुद्ध नहीं होता है। इसमें गंदगी, मिनरल्स या फिर कन्टैमनन्ट आदि मौजूद नहीं होते हैं। जिसके कारण इसे प्लांट के लिए काफी अच्छा माना जाता है। खासतौर से, अगर आपका प्लांट मिनरल्स और केमिकल्स के प्रति सेंसेटिव है तो ऐसे में डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें:Gardening Ideas: बीज या जड़ से नहीं, डाल से उगा सकते हैं ये चार पौधे
टॉक्सिसिटी का रिस्क कम
कई बार नल के पानी में फ्लोराइड या क्लोरीन जैसे कुछ मिनरल्स का स्तर काफी उच्च होता है, जो कभी-कभी प्लांट्स को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। खासतौर से, अगर आप अधिक मात्रा में नल के पानी का इस्तेमाल करते हैं तो इससे टॉक्सिसिटी बढ़ सकती है। लेकिन डिस्टिल्ड वाटरका इस्तेमाल करने से इस तरह का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
पीएच कण्ट्रोल में मददगार
डिस्टिल्ड वाटर का पीएच लेवल न्यूट्रल होता है। जिसका सीधा सा अर्थ यह है कि यह न तो एसिडिक है और न ही ऐल्कलाइन। ऐसे में यह उन पौधों के लिए बहुत अधिक फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें एक खास तरह के पीएच रेंज की जरूरत होती है। कुछ पौधे मिट्टी के पीएच में परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होते हैं। इस तरह के प्लांट के लिए डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करना यकीनन एक बेहद ही अच्छा विचार है।(Herbs Plants के बेस्ट 3 खाद)
सॉल्ट बिल्डअप को रोकना
नल के पानी में अक्सर घुले हुए सॉल्ट होते हैं जो समय के साथ मिट्टी में जमा हो सकते हैं। लंबे समय तक ऐसा होने से वे प्लांट को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन डिस्टिल्ड वाटर में सॉल्ट नहीं होता है, जिससे इनके बिल्डअप और उससे होने वाले नुकसान को रोकने में काफी हद तक मदद मिलती है।
इसे भी पढ़ें:Gardening Tips: इन टिप्स की मदद से करें पौधों की देखभाल, हो जाएंगे हरे-भरे
जानें नुकसान भी
जहां डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करना प्लांट के लिए अच्छा माना जाता है, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं-
- डिस्टिल्ड वाटर में मिनरल्स का ना होना जहां कुछ पौधों के लिए फायदेमंद है, वहीं यह कुछ प्लांट्स के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। यह कुछ प्लांट की ग्रोथ के बेहद जरूरी है।
- डिस्टिल्ड वाटर को खरीदना आपकी जेब पर काफी भारी पड़ सकता है। सिंचाई के लिए बार-बार डिस्टिल्ड वाटर का उपयोग बड़े पैमाने पर प्रैक्टिकल नहीं हो सकता है।
- डिस्टिलेशन न केवल अशुद्धियों को दूर करता है बल्कि पानी में मौजूद लाभकारी सूक्ष्मजीवों को भी खत्म करता है। जिससे मिट्टी के इको-सिस्टम पर नेगेटिव असर पड़ सकता है।
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों