गुरुवार के दिन केले के पौधे में इन नियमों से चढ़ाएं जल, मिलेगी सुख समृद्धि

अगर आप गुरुवार के दिन केले के पौधे में जल चढ़ाती हैं और इसकी पूजा करती हैं तो इसके सही नियमों के बारे में जरूर जानें।

how to offer water to banana tree in astrology

हिंदू धर्म कई पेड़ पौधों का विशेष महत्व बताया गया है और उनकी नियम से पूजा करने का विधान है। ऐसे कई पेड़ पौधे हैं जिन्हें प्राचीन काल से पवित्र माना जाता है और उनकी पूजा किसी विशेष दिन में की जाती है।

ऐसी मान्यता है कि पौधों का देवताओं के साथ सीधा संबंध होता है, जिसकी वजह से पौधों की पूजा से विशेष फल प्राप्त होता है और देवताओं तक संदेश पहुंचता है। ऐसे ही पौधों में से एक है केले का पौधा। इस पौधे की पूजा विशेष रूप से गुरूवार के दिन की जाती है।

केले के पौधे की यदि आप नियम से पूजा करते हैं और बृहस्पतिवार के दिन इसमें जल चढ़ाते हैं तो आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। केले के पेड़ को बहुत पवित्र माना जाता है और मान्यता है कि इसमें भगवान् विष्णु का वास होता है।

यदि आप गुरुवार के दिन केले के पेड़ में जल अर्पित करती हैं तो आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से इसके सही नियमों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए, जिससे पूजा का पूर्ण फल मिल सके।

केले के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है

banana tree puja benefits

केले के पौधे को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है और इसे संस्कृत भाषा में 'कदली' के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू संस्कृति में केले के पौधे और इसके पत्तों को पवित्र मानने के पीछे कई कारण हैं और इससे जुड़ी कई कथाएं भी प्रचलित हैं।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि दुर्वासा ने अपनी पत्नी को अपनी नींद में बाधा डालने का श्राप दिया था। उन्होंने उसे केले के पेड़ में बदल जाने का श्राप दे दिया। श्राप मिलने पर, उसने अपने पति से यह कामना की कि उसे विशेष और एक पवित्र पौधे के रूप में पूजा जाए। ऋषि दुर्वासा ने उनकी यह इच्छा पूर्ण की और तभी से केले के पेड़ की पूजा का विधान शुरू हुआ।

ज्योतिष में केले के पेड़ की पूजा का महत्व

astrology of banana tree in hindi

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार केले के पेड़ को देवगुरु बृहस्पति के समान माना जाता है। इसी वजह से गुरुवार के दिन इस पौधे की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। मान्यता यह भी है कि घर में सही दिशा में यह पेड़ लगाना बहुत शुभ होता है।

केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है और इसी वजह से गुरुवार के दिन इस पेड़ की श्रद्धापूर्वक पूजा करने से गुरु बृहस्पति के साथ विष्णु भगवान को भी प्रसन्न किया जा सकता है।

इस दिन केले के फल को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के मंत्र)और माता लक्ष्मी को यह फल बहुत प्रिय होता है और इसका भोग लगाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

इसे भी पढ़ें: घर के एक गमले में उगा सकते हैं केले का पौधा, जानें ये आसान तरीका


केले के पेड़ में जल चढ़ाने के नियम

offer water to banana tree

  • प्रत्येक गुरुवार को प्रातः जल्दी उठें और साफ़ वस्त्र धारण करके विष्णु पूजन शुरू करें।
  • इस दिन आपको केले के पेड़ की पूजा करें और इसमें जल चढ़ाते समय इसकी 9 बार परिक्रमा करें।
  • केले के पेड़ की परिक्रमा करते हुए इसकी जड़ में जल चढ़ाएं। हर एक परिक्रमा के बाद केले के पौधे में थोड़ा जल चढ़ाएं और गुरु बृहस्पति का ध्यान करें।
  • गुरुवार के दिन (गुरुवार के दिन न करें इन चीजों का दान)केले के पेड़ में जल चढ़ाते समय इसमें एक चुटकी हल्दी जरूर मिलाएं और इसमें एक सिक्का डालें।
  • केले के पेड़ में कभी भी एक साथ जल नहीं चढ़ाना चाहिए, इससे पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।

यदि आप बृहस्पतिवार के दिन इन विशेष नियमों का पालन करते हुए केले के पेड़ का पूजन करती हैं और केले में जल चढ़ाती हैं तो सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Recommended Video

Images: freepik.com

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP