हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से सरस्वती पूजा के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इस दिन देवी सरस्वती की पूजा होती है, जो ज्ञान, कला, और संगीत की देवी हैं। इसके अलावा, यह दिन बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी है, जो मौसम में बदलाव और नयापन का संकेत देता है। इस दिन को लोग नए वस्त्र पहनकर, विशेष रूप से पीले रंग के वस्त्र पहनकर, घरों में पूजा करते हैं। खासकर विद्यार्थियों द्वारा इस दिन अपनी किताबों और लेखनी की पूजा की जाती है, ताकि उनका ज्ञान में वृद्धि हो। बसंत पंचमी का पर्व भारत में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न रूपों में मनाया जाता है, और इसे खासकर उत्तर भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। अब ऐसे में माता सरस्वती की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है और पूजा सामग्री क्या है। साथ ही पूजा के नियम क्या हैं। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
बसंत पंचमी के दिन पूजा के लिए सामग्री क्या है?
- मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर
- पीले रंग के फूल
- पीले रंग की फूल माला
- पीला कपड़ा
- पीला कपड़ा बिछाने के लिए
- लकड़ी की चौकी
- गाय का घी
- एक कलश
- पीले रंग की साड़ी
- चुनरी
- हवन कुंड
- आम की लकड़ी
- सूखी लकड़ियां
- गाय का गोबर
- काला तिल
- सूखा नारियल
- रोली
- पीले रंग का गुलाल
- आम के पत्ते
- सफ़ेद तिल के लड्डू
- खोया का सफेद मिठाई
- धान के अक्षत
बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा किस विधि से करें?
- प्रातः काल स्नान करके पीले, बसंती अथवा सफेद वस्त्र धारण करें।
- उसके बाद पूजा सामग्री एकत्रित करें जैसे कि रोली, अक्षत, पीले फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (फल, मिठाई), वीणा, पुस्तक, वाद्य यंत्र आदि।
- सर्वप्रथम कलश स्थापना करें। कलश में जल भरकर उसमें अक्षत, दूर्वा, सुपारी और एक सिक्का डालें। कलश के मुख पर पांच पत्ते आम के लगाएं और उसके ऊपर एक मिट्टी का ढक्कन रखें। ढक्कन पर अक्षत रखकर उस पर मां सरस्वती का आह्वान करें।
- गणेश जी की पूजा करें। उन्हें धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें।
- मां सरस्वती को पीले फूल, रोली, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें। उन्हें पीली मिठाई का भोग लगाएं।
- मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें। आप "ऊं ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वत्यै नमः" मंत्र का जाप कर सकते हैं।
- आप सरस्वती वंदना का पाठ करें।
- आखिर में माता सरस्वती की आरती करें।
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का महत्व
मां सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है। विद्यार्थी इस दिन मां सरस्वती की पूजा करके अपनी शिक्षा में सफलता प्राप्त करते हैं। मां सरस्वती बुद्धि और विवेक की भी देवी हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है। मां सरस्वती संगीत और कला की भी देवी हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से संगीत और कला में उन्नति होती है। यह दिन सौभाग्य का कारक माना जाता है। इसलिए इस दिन शुभ कार्यों जैसे कि नए कार्य शुरू करना, विवाह करना, गृह प्रवेश करना आदि शुभ माना जाता है।
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बसंत पंचमी के दौरान करें इन नियमों का पालन
- बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
- इस दिन मां सरस्वती को वीणा, पुस्तक और वाद्य यंत्र अर्पित करना चाहिए।
- विद्यार्थियों को इस दिन विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए।
- इस दिन संगीत, कला और साहित्य से संबंधित कार्यक्रम जरूर करना चाहिए।
- इस दिन माता सरस्वती को बेर का भोग जरूर लगाएं। इसके बिना पूजा पूरी नहीं मानी जाती है।
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Image Credit- HerZindagi
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