Banke Bihari Holi 2025: आज बांके बिहारी में खेली जा रही है फूलों की होली, जानें कब और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत?

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में आज फूलों की होली का उत्सव का धूम है। यह उत्सव हर साल होली के दौरान मनाया जाता है। अब ऐसे में फूलों वाली होली की शुरुआत कब और कैसे हुई। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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ब्रज में बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली का उत्सव बहुत ही खास है। यह होली रंगों से नहीं, बल्कि फूलों से खेली जाती है। इस दिन मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है और भक्त एक-दूसरे पर फूलों की वर्षा करते हैं। यह दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है। आपको बता दे, बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली 10 मार्च यानी कि आज खेली जा रही है। इस होली में रंगों की जगह फूलों का इस्तेमाल होता है। अभी फिलहाल बांके बिहारी का श्रृंगार आदि किया जा रहा है। उसके बाद फूलों की होली खेली जाएगी। यह होली प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। अब ऐसे में फूलों की होली की शुरुआत कब और कैसे हुई। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

आज वृंदावन के बांके बिहारे मंदिर में मनाई जा रही है फूलों की होली

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वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में हर साल होली का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यहां की होली पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। फूलों की होली यहां के प्रमुख उत्सवों में से एक है। बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि फूलों की होली खेलने से सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

बांके बिहारी मंदिर में कब और कैसे हुई फूलों की शुरुआत?

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बांके बिहारी मंदिर में फूलों की परंपरा का इतिहास बेहद प्राचीन है। ऐसा माना जाता है कि इस परंपरा की शुरुआत स्वामी हरिदास जी ने की थी, जो बांके बिहारी जी के प्रकटकर्ता थे। गर्मी के मौसम में भगवान को ठंडक पहुंचाने के लिए फूलों से श्रृंगार करने की परंपरा शुरू हुई। गर्मी के मौसम में बांके बिहारी मंदिर में "फूल बंगला" सजाए जाते हैं। यह परंपरा कामदा एकादशी से शुरू होती है और हरियाली अमावस्या तक चलती है।

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इस दौरान, मंदिर को विभिन्न प्रकार के देशी और विदेशी फूलों से सजाया जाता है। ठाकुर जी को विराजमान करने के लिए फूलों से बंगला बनाया जाता है। फूलों का श्रृंगार भगवान को गर्मी से राहत देने के लिए किया जाता है। यह भक्तों के लिए एक विशेष दर्शन का अवसर होता है।

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Image Credit- HerZindagi

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