Safety Of The Girl Child: बच्ची हो या औरत,समाज में कोई भी सुरक्षित नहीं है। अक्सर लोग जिस महिला के साथ गलत होता है, हर ओर से उसे ही गलत ठहराते हैं। फिर चाहे वह कपड़े को लेकर बात-चीत हो या खुलकर जीने की आजादी हो। घर से लेकर स्कूल और सड़क पर चलने वाली छोटी बड़ी लड़कियां आदमियों के लिए खिलौने के सामान हो गई हैं। विद्या के मंदिर में नाबालिग लड़कियों के साथ हुए दुष्कर्म की खबर के बाद यह तय कर पाना कि मुश्किल हो गया है कि बच्चियां कहां सुरक्षित हैं। यह कोई पहली खबर नहीं ऐसे न जानें कितनी खबरें सोशल मीडिया पर आती रहती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अपने फैक्टशीट (2017) में 'महिलाओं के खिलाफ हिंसा' शीर्षक से उपलब्ध कराए गए आंकड़े बताते हैं कि 3 में से 1 महिला यौन उत्पीड़न का सामना करती है। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए वर्चुअल नॉलेज सेंटर द्वारा प्रकाशित कई तथ्यों के अनुसार 50 प्रतिशत तक यौन हमले 16 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के खिलाफ किए जाते हैं। ऐसे में अब यह जरूरी है कि आप अपनी बच्चियों को सेक्सुअल हैरेसमेंट से बचाव और इन हरकतों की पहचान के संकेत बताएं।
गुड और बैड टच के बारे में बताएं
बेटी छोटी हो या बड़ी उन्हें हर उम्र में खुद की ताकत की पहचान कराएं। उन्हें यह जानना चाहिए कि किसी भी प्रकार की छेड़खानी या असहज स्थिति का सामना करने पर वे उसे कैसे व्यक्त कर सकती हैं। बच्ची अगर बहुत छोटी है, तो उसे सही और गलत टच के बारे में बताए और समझाएं।
इन बातों की खुद से करें बात
अक्सर छोटी बच्चियों के साथ क्या हो रहा है। वह इस विषय से अनभिज्ञ होते हैं। ऐसे में उन्हें खुलकर बातचीत करना सिखाएं। अगर उन्हें किसी भी प्रकार की असहजता या परेशानियों का सामना करना पड़े, तो वे तुरंत आपसे बात करें।
सुरक्षित और असुरक्षित स्थितियों की पहचान
बच्चियों को बाहर की दुनिया के साथ-साथ घर की स्थितियों को पहचान कराएं। उन्हें सिखाएं कि वह सुरक्षित और असुरक्षित स्थितियों को कैसे पहचानें। इसमें पब्लिक प्लेस पर सावधान रहना, अजनबी लोगों से सतर्क रहना, और अकेले चलने से बचना शामिल है। साथ ही उन्हें यह भी समझाएं कि उन्हें किसी भी स्थिति में असहमति जताना चाहिए।
आत्मरक्षा करने का बताए तरीका
आत्मरक्षा के लिए अपनी बच्चियों को खुद की सेफ्टी कैसे कर सकती हैं, इसके तरीके बताएं। साथ ही बच्चे की दिनचर्या से संबंधित सवाल पूछें जैसे कि उसने लंच ब्रेक से लेकर स्कूल में पढ़ाई में क्या किया।
इसे भी पढ़ें-पहले सोशल मीडिया पर मुलाकात.. घंटों बातचीत और फिर... देश की ये भयानक घटनाएं बताती हैं ऑनलाइन फ्रेंडशिप की कहानी
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा तो इसे शेयर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ
Image Credit- Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों