भारतीय समाज में शादी के बाद एक या दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों की जीवनशैली में बदलाव आता है। हम चाहे कितने भी मॉडर्न हो जाएं, शादी के बाद एक नए जीवन की शुरूआत होती है और कई जिम्मेदारियां भी मिलती हैं। शादी को जीवन का एक नया अध्याय माना जाता है, जहां जीवनसाथी के साथ ससुराल वालों संग भी मजबूत रिश्ते बनाने होते हैं।
भले ही आजकल शादी के बाद पति के साथ अकेले रहने का ट्रेंड बढ़ गया है, लेकिन आज भी कई ऐसे कई परिवार हैं, जो साथ रहना पसंद भी करते हैं। अगर आपकी हाल ही में एक ज्वाइंट फैमिली में शादी हुई है या होने वाली है, तो जीवनसाथी के साथ सास-ससुर, ननद-देवर जैसे रिश्ते भी मिलने वाले हैं। शादी और नए रिश्तों की बात सुनकर नर्वस होने की जरूरत नहीं है, बल्कि उनकी नींव को मजबूत करने की जरूरत होती है।
शादी के बाद का समय रिश्तों की नींव को मजबूत करने के लिए सबसे जरूरी होता है। इस समय पार्टनर के साथ-साथ नए रिश्तों को समझने और उनके साथ तालमेल बिठाने पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। क्योंकि इसी दौरान छोटी-छोटी गलतियां और गलतफहमियां रिश्ते में खटास पैदा कर देती हैं।
शादी के बाद 6 महीने तक किन बातों का रखें खास ख्याल
ओवर-पजेसिव ना हों
शादी के बाद पार्टनर के अटेंशन की जरूरत सभी को होती है। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि शादी के तुरंत बाद पति के परिवार संग रिश्तों को लेकर ओवर-पजेसिव ना हों। आपके ओवर-पजेसिव होने से पार्टनर को घुटन होने लगेगी और ससुराल में भी रिश्तों पर असर पड़ेगा।
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परिवार के बीच तुलना ना करें
किसी भी रिश्ते में तुलना करने से खटास और दूरी आ जाती है। शादी के बाद अगर आप सास और ननद से रिश्ते मजबूत रखना चाहती हैं, तो तुलना करने से बचें। जी हां, अगर आप बात-बात पर कहेंगी कि मेरी बहन ऐसी करती थी या मेरी मम्मी ऐसे करती हैं तो यह रिश्तों में खटास की वजह बन सकता है।
दूसरों की बात भी सुनें
शादी को यूं ही नहीं, जीवन का नया अध्याय कहा जाता है। क्योंकि शादी के बाद ऐसी कई चीजें सीखनी और करनी पड़ती हैं, जो हमने पहले नहीं की होतीं। इन्हीं चीजों में से एक दूसरे की बात सुनना भी है। ससुराल में जब किसी बात पर डिस्कशन होता है, तो उसमें पहले दूसरों की बात सुनें और फिर अपनी राय दें। शादी के शुरुआती समय में रिश्तों को मजबूत करने के लिए दूसरों की बात सुनना और समझना जरूरी होता है।
मदद के लिए तैयार रहें
शादी के बाद नए रिश्तों की नींव को मजबूत बनने के लिए मदद की भावना हमेशा रखें। घर के छोटे-मोटे कामों में मदद के लिए तैयार रहें और अगर आपको भी किसी काम में परिवार की जरूरत होती है, तो हक के साथ उनसे बात करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए एक तरफ से नहीं, बल्कि दोनों तरफ से कोशिश होती है।
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पसंद-नापसंद का रखें ख्याल
शादी के बाद नए रिश्तों में मजबूती चाहती हैं, तो परिवार की पसंद-नापसंद जानने की कोशिश करें। पसंद-नापसंद जानने के बाद, उसके अनुसार व्यवहार करना आपके रिश्तों में मिठास ला सकता है। उदाहरण के साथ समझें, अगर आपकी सास को सुबह उठकर पूजा करना पसंद है, तो उनसे इसपर उलझने की जगह शांति से अपनी राय रखें और समान रुचियों पर काम करें।
शादी के बाद नए रिश्तों में मजबूती लाने के लिए किन बातों का ख्याल रखने की जरूरत होती है, यह तो आप समझ ही गई होंगी। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
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Image Credit: Freepik
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